पृष्ठ:सचित्र महाभारत.djvu/१७

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पृष्ठ-संख्या ११-यदुवंश-नाश ३२४ यादवों का व्यभिचार मुनिया का शाप-यादवों का बुद्धि-विपर्यय और कलह-यादव लोगों का एक दूसरे को मारना - कृ.ग की उदासीनता-बलराम के पास गमन-कृष्ण और बलगम की मृयु-द्वारका में अर्जुन यादवों के सम्बन्ध में अर्जुन का अन्तिम कर्तव्य-पालनवसुदेव की स्वर्ग-प्राप्ति- यान्वों की स्त्रियों को लेकर अर्जुन का द्वारका त्याग-चोरों का आक्रमण और अर्जुन के गाण्डीव धन्वा की निष्फलता-अर्जुन का शोक और व्यासदेव का उपदेश । १२-महाप्रस्थान ३२६ पाण्डवों का वैगन्य और प्रस्थान का विचार - पाण्डवों का हिमालय की तरफ जानाराह में द्रौपदी और चार पाण्डवों का पतन-युधिष्टिर और कुना--- शरीर-महित युधिष्ठिर का वर्गगमन-युधिष्ठिर का नरक-दर्शन--स्वर्ग में भेट ।