पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/१७२

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१६० सत्याप्रकाश: !! पति नीस ग्राम के वर्द्धमान को शतप्रामाविपति को नित्यप्रति निवेदन करे वैसे सौ-२ ग्रामें के पति आप सहनाधिपति अत् हजार ग्राओं के स्वामी को सौ २ ग्राम के वर्द्धमान को प्रतिदिन जनाया करें 1 और बीस २ ग्राम के पांच आधिपति सौ २ ग्र म के अध्यक्ष को और वे सहन २ के दश अधिपति दशसद स्र के अधिपति को और तक्षप्रा की राज तभा को प्रतिदिन का बत्मान जनाया करेंगे और वे सत्र राजसभा महराजसभा अर्थात् सार्वभौम चक्रवर्ती महा।जसभा में सब भूगोल का वर्तमान जन।या करें : १४ ॥ और एक २ दश २ सह ाों पर दो सभापति वैसे करें जिनमें ए राजसभा में दूसरा व व्यक्ष आालस्य छेड़कर सत्र न्याया शIदि राजपुरा के कामों को सर्द घूमकर देखते रहें: ॥ १५ ॥ बड़े २ नगरोम एक २ विचार करनेवाली सभा का सुन्दर उच्च और विशाल जैसा कि चन्द्रमा है वैसा एक २ घर बनवें उसमें वडे २ विद्यावृद्ध कि जिन्होंने विद्या से सत्र प्रकार की परीक्षा की हो वे बैठकर विचार किया करें जिन नियमों से राजा और प्रजा कई उन्नति हो वैसे २ नियम और विद्या प्रकाशित किया करें ?! १६ 11 जो नित्य यूमनेवाला सभापति हो उमड़े अधीन सव गुप्तचर अर्थात् तो को रक्ख जो राज पुरुष और भिन्न २ जाति के रहें उनसे सब राज और ६जापुत्रों के सब दोष और गुण गुप्तीति से ज , ना करे जिनक अपर!ध हो उनको द ड ऑों र जिनका गुण ई हो उनकी प्रति सदा किया करे 11 ५७,५ र। जा जिनको आज की रखने का आरोप कार देखे वे धार्मिक सुपरीक्षित विद्वान् कुलीन ों उनके आधन प्राय: श8 अर परपढ़ार्थ हरनेवाल चोर को भी नौकर रख के दुष्ट कर्मी से बचान डाकुओं उन ' के लिये राजा के नौकर कर के उन्ही रक्षा करनेवाले विद्वानों के वाधीन करके उन्नर से इस प्रजा की रक्षा यथावत् करे ॥ १८ 11 जो रजपुरुष अन्याय में वादी त यादी से गुप्त धन के पक्षपात से अन्याय करे उसका सर्वस्वतंरण करके यथयाग्यि । देकर एमे देश में जहां ड रक्खे कि से पुन लौट कर न आम क्योकि यदि उसको

ड दिया उन को देख के ऐसे

न जाय तो अन्य राजपुरुष भी दुष्ट काम करें अर दड दिया जाय तो बचे रहेंपरतु जितने से उन राम पा का . योगक्षेम भलं भाति हो और वे भलीभांति बनाक्ष्य भी हों उनना धन वा भूमि राज्य की स्र ' अथवा वार करे जो हों उन को भी से सिक व वार्षिक ए मिला और वृद्ध

मिला करे, १तु यह ध्यान में जबतक वे जियें

आ।घxा देखें कि बढ तबतक अt वि ा नी पश्चात् नहीं, परन्तु का बा रद इन मन्तानों सरकार नौकरी उन्न गुण