पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/२२३

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- पाक के कहने । ओम मुस? ११३ 20 व ही चार सम जीवन से अधिक पवित्रात्मा थे अन्य उन के सदृश न थे इसलिये वित्र विद्या का प्रकाश उन्ही में किया ( श्न ) किसी देशभाषा में वेदों का क5वेश न कर संद४त में क्यों किया ? ( उत्तर ) जो किसी देशभाषा में प्रकाश करता तो ईश्वर पक्षपात जाता, क्योंकि जिस देश की भाषा में प्रकाश करता अनफो सुगमता और विदेशियों को कठिनत। वेदों के पढ़ने पढ़ाने की होती इसलिये संत ६ में प्रामा कि जो किसी देश की भाषा नहीं और वेदभाषा अन्य सब Hप ों का कारण है उसी में बेहों का प्रकाश किया जैसे ईश्वर की पृथिवी आदि बर्डि व ट्रेड ‘र देशवा के लिये एकसी और सब शिल्पविद्या का कारण है वैसे परमेश्वर की विद्या की भाषा एकसी होनी चाहिये कि सब देशवात्रों को पढ़ने पढ़ने में मुख्य पा-म होने से ईश्वर पक्षपाती नहीं होता और सब भाषाओं का रण भी हैं (Aम वेद ईश्वरत हैं अन्यकृत नहीं इसमें क्या प्रसाण १ (उत्तर) जैसा वर, पवित्र, संवैद्यtiवे, शुद्धगुणक मस्वभाव, न्यायकारीदयालु आiदें - कला है से जिस पुस्तक में ईश्वर के गुणकर्मस्वभाव के अनुकूल कथन हो वह श्वरकृत अन्य नीं और जिस में टिक्रम प्रत्यादि प्रमाण आश्तों के और पवि- | त्रमा के व्यवहार से विरुद्ध कथन न हो वह ईश्वरोक जैस। ईश्वर का निर्गम् ज्ञान बैंसा जिस पुgक iिन्त i६त ज्ञान का प्रतिपादन हंा व६ ३२वरक, जसi पर श्वर है और जैसा टिनम रबखr है वैसाही देवर, स्टेफाये, कारण और जीव ; का प्रतिपदन जिस ' ईं। वे वह परमेश्वक पुस्तक होता है और जो प्रत्यक्षliदे प्रमाण विपक्ष से आविरुद्ध शुद्वारा के स्वभाव से विरुद्ध न हो इस प्रकार के बेटे हैं ? अन्य बाइबल कुरन आदि पुस्तकें नहीं इसकी स्पष्ट व्याख्या बाइबल और कुरान के प्रकरण में तेरहवें और चौदहवें समुल्लास से की जायगी।( प्रश्न ) वेद की ईश्वर से हने की आवश्यकता कुछ भी नहीं क्योंकि मनुष्य लेग क्रमश: ज्ञान बढ़ाने जाकर ! पश्चात् पुस्तक भी बना लेंगे। ( उत्तर) कभी नहीं बना सकते, क्योंकि विद्या कारण के काथोंपत्ति का होना असम्भव है जैसे जनल ी मनुष्य सृष्टि को देखकर भी वि - ! द्वान् नहीं होते और जब उन को कोई शिक्षक मिलजाय तो विद्वान् हो जाते हैं और अब भी किसी पढ़े कोई होता । इस प्रकार जो परमात्मा से विना भी विद्वान नहीं उन अठवें ससष्टि के बषियों का वेदविद्या न पढ़ाता और वं अन्य को न पढात तो सव जे से एकान्त लोग अधिढ़। ही रह जाते, जै से किसी के बालक को जन्म देश छविद्वानों वा पशुओं के मन म रख देवे तो बहू जैसा सन हें वैसा ही हो जायगा।