पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/२४७

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द7 - सूद If हैं &Pat !म अगुर सिख ९। ती हैं क्योंकि जब ई में 3111 tki k ३३१५ अ1 व पर में 'तो चढ़ाई करते थे तय २ यहां के राज जा {i, 11 से t It t. : दशा में ‘।स्य के स६। होते और जो श्री- 't f व 6 प्रा ६ उस का नाम देवासुर संग्राम नहीं है किन्तु असर से 1ीर ,r था 'ा।दये 'ीर राक्षसों का संग्राम कहते हैं किसी सन : न :-4 में 4ा 7ि1स में भी लिखा कि आर्य लोग ईरान से आये और पड़ती है, iए । राड फर जग पwके निकास के इस देश के राजा हुए, । पुन:

in : हैरी करने लिए 6म दे सकतार:

सच्छाश्चअप वायः स त दयः स्ताः ९ १० । ४५ ॥ । स्वच्छदेशस्वतः पर ५ अ० २ से २३ । It 'भtyr t स iल व श दें वे दस्यु दंश औौर मलेच्छ देश कहत हैं इससे भी यह सिद्ध होता है कि अय्यवर्त स iसे पूर्व देश से लेकर ईशान, उतर, बथव्स और पश्चिम देशों में रह मेवा का दस्यु और म्लेच्छ तथा 'ई नर , दक्षिण तथा प्रारनेय दिशाओों म आर्यावर्त देश से भिन्न मे रनेवाले समू" का नाम राIक्षस था । अब भी देख लो वश तोगों का स्वरूप भयं 8 जू सा रJस का बi५न tया है वैसा ही दीख पडता है और आयोवस की दूध पर नीचे रहनेवालों का नाम नाग और उस देश का नाम पाताल इसलिये कहते हैं कि वह देश आर्यावर्षीय मनुष्यों के पद अथोत् पग के तले है और उनके

नगी आयत् नाग नाम वाले पुरुष के वश के राजा होते थे उसी की उलोपों

राज कन्या से अर्जुन का विवाद हुआ था अथा इदाछ से लेकर करव पाडव तक ! सर्व भूगोल में चाय का राज्य और बेट्रो का थोड़ा २ प्रचार आर्यावर्क्स से भिन्न देश में भी रहता तथा इसम यह प्रमाणहै कि ब्रह्मा का पुत्र बेिर। , विरद् का । ! ममन , मन के मनियाद दश इन के स्वायभवादि सात राजा और उनके सन्तान ! इ३ा आदि राजा जो आय्यवस के प्रथम राजा हुए जिन्होंने यह आयोते । बसाया है 1 अव आभाग्योदय से और आय के आलस्य, प्रभाद परस्पर के विरोध से अन्य देशों के राज्य करने की तो कथा ही क्या कहनी किन्तु आर्यावर्क्स में भी आय का अखडस्वतंत्रस्वाधनिनिर्भय राज्य इस समय नहीं है जो कुछ है सो भी विदेशियों के पादुक्रान्त हो रहा है कुछ थोड़े राजा स्वतन्त्र हैं दुर्दिन जब आता हैं । ५ - ०