पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/२४८

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सत्यार्थीप्रज्ञाशः ? ३८

६ तब दवाई की अन प्रकार के दु:ख भोग पडता दें कई iतन हुई करे परन्तु जो स्वदेशीय राज्य होता है वह सर्वोपरि उत्तम होता है अथवा मत म- तान्तर के आग्रह रहित अपने और पराये का पक्षपातशून्य प्रजापर पिता माता के समान कृपा, न्याय और दया के साथ विदेशियों का राज्य भी पूर्ण सुखदायक नहीं है। परन्तु भिन्न २ भtषा पृथक् २ शिक्षा अलग व्यवहार का विरोध टूटना अति दुष्कर है विना इस छूटे परस्पर का पूरा उपकार और अभिप्राय सिद्ध होना कठिन है इसलिये जो कुछ बेदादि शास्त्रों में व्यवस्था वा इतिहास लिखे हैं उसी का मान्य करना भद्रपुरुषों का काम है। (प्रश्न ) जगत् की उत्पत्ति में कितना समय व्यतीत हुआ ? ( उत्तर ) एक अर्वछानबे जोड़, कई लाख और कई सहस्र वर्ष जगत् की उत्पत्ति और बे के प्रकाश ने में हुए हैं इसका स्पष्ट व्याख्यान मेरी बनाई भूमिका के में लिखा है देख लीजिये इत्यादि प्रकार स्मृष्टि के बनाने और बनने मे हैं और यह भी है कि सब से सूक्ष्म टुकडा अर्थात् जो काटा नहीं जाता उस का नाम परमाणु, साठ परसओ के मिले हुए का नाम अणुदो अणु का एक बयणु जो स्थूल वायु है तीम इयणुक का अग्नि, चार जूयणुक का जत, पांच द्वयणु की पृथिवी अर्धन् तीन औयणुफ का ऋसरेणु और उसका दूना होने से थिवी आादि दृश्य पदार्थ होते है इसी प्रकार क्रमसे मिलकर भूगोछादि परमात्मा ने बनाये है । ( प्रश्न ) इसका कारण कौन करता है, कोई कहता है शेष अर्थात् सहन फणवते सर्स के शिर पर पृथिवी है दूसरा कहता है कि बैल के सींग पर, तीसरा कहता है किसी पर नहीं, चौथा कहता है कि बापू के आधार, पांचवां कहता है सूर्य के आ कर्षण से मुँची हुई अपने ठिकाने पर स्थित, छठ कहा है कि पृथिव भारी होने से निचे २ आकाश में चली जाती है इत्यादि में किस बात को सत्य साहें उर जो शेप सर्ष और बैल के सींग पर घररी हुई थिवी स्थित बतलाता है उस को पूछना 1 चाहिये के सर्प और वैल के मा वाप के जन्म समय किस पर थी तथा सर्ष अर बेल आदि किस पर हैं ? वैलवाले मुसलमान तो चुप ही कर जायेंगे परन्तु सदैवाले कहेंगे कि सर्ष कूर्म पर, कूर्म जल पर, जल 'अरिन पर, अग्नि वायु पर और बायु आकाश में ठहरा है। उन से पूछना चाहिये कि सब किस पर है ? तो अवश्य कहेगे परम वर पर जब उन से कोई पूछेगा किशेष और बैल किस का वचा है? कहेंगे । के अरब सादिभाष्यभूमिका के वेदोस्पत्ति विपय को देखो । 5