पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/२९४

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4- >>-0है, २.८४ भ31 ४ खाोगे ? क्या ऐसा भी कोई हो सकता है ? ( श्न ) जो गाय के गोबर से चौका लगाते हो तो आपने गोबर से चौका क्यों नहीं लगाते है और गोवर के चके में जाने से चौका शुद्ध क्यों नहीं होता?(उत्तर ) गाय के गोबर से वैसा दुर्गन्ध नहीं होता जैसा कि मनुष्य के मल से, गोम्य चिकना होने से शीघ्र नहंी उखड़ता म कपड़ा विगड़ता न अलीन होता है जैसा मिट्टी से मैल चढ़ता है वैसा सूख गवर से नहीं होना मिट्टी और गोवर से जिस स्थान का लेपन करते हैं वह देखने में अतिसुन्दर होता है। और जहां रसोई बनती है वह भोजनादि करने से बी, मिष्ट और उच्छिष्ट भी गिरता है उससे मक्खी कीड़ी आदि बहुतसे जीव मलिन स्थान के रहने से आते है जो उससे झाडू लेषनादि से शुद्धि प्रतिदिन न कीजावे तो जान पाखाने के समान वह स्थान होजाता दे इसलिये प्रतिदिन गोवर मिट्टी झाडू से सर्वथा शुद्ध रखना और जो पक्का मकान हो तो जल से पोकर शुद्ध रखना चाहिये इससे पृथक् दोषो की निवृत्ति होजाती है। ज मियाजी के रोई के स्थान में कहीं कोयला, कह राखवही लड़ीकहीं फुटी हाडी, वहीं जूठी रखेवी, कहीं हड गोड पड़े रहते है और मध्खयों का तो क्या कहना ! बह रधान ऐमा बुरा लगता है कि जो कोई श्रेष्ठ मनुष्य जाकर बैठे तो उसे बात होने का भी संभव है और उस दुर्गन्ध स्थान के समान ही वही स्थान दखत हैं : भला जो कोई इन से पूछे iके यदि गोघर से चौका लगाने में तो तुम दोष गिनते हो परन्तु चूल्हे में कंडे जलाने, उसकी आग से तमाखू पीने, घर की भीति पर लेपन करने आदि से मियाजी का भी चौका भ्रष्ट होजाता होगा इस मे क्या सट्टेद 1 ( प्रश्न ) चौंके में बैठ के भोजन करना अच्छा वह बाहर बैठ के ?( उत्तर ) जहां पर अच्छा रमणीय सुन्दर स्थान दीखे चट्ठा भोजन करना चाहिये परन्तु आवश्यक युद्धादिकों में तो घोड़े आदि यानों पर बैठ के ब दवा खड़े २ भी खाना पीना अत्यन्त उचित है। (प्रश्न ) क्या अपने ही हाथ का स्दन और दूसरे के हाथ का नहीं ?( उत्तर ) जो आर्थों से शुद्ध रीति से बनाये तो घर सब आर्थों के साथ खाने में कुछ भी हानि नहीं क्योकि जो नाह्मणदि वर्णस्थ बी पुतप रसोई बनने चौका देने वर्लन भाडे मानने आदि बखेड़े से पड़े रहै तो वि यदि शुभ की वृद्धि कभी नहीं होस, देखो ! महाराज युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ ने भूगल के राजा आषि सहर्षि आये वे एक ही पाकाला से भोजन किया करते M iद से ईसाई सलमान आदि के नख मतान्तर चले, आपस में बैर विरोध हुआ। हैं ।