पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/३४९

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एकादशसमुल्लासः ।। लगा रक्खे उसके आकर्षण से वह मूर्ति अधर खड़ी थी जब ‘‘महमूदगजनवी आकर लड़ा तब यह चमत्कार हुआ कि उसका मन्दिर तोड़ा गया और पुजारी भक्ते की दुर्दशा होगई और लाखों फौज दुश सहस्र फौज से भाग गई जो पोप पुजारी पूजा, पुरश्चरण, स्तुति, प्रार्थना करते थे कि “हे महादेव ' इस म्लेच्छ को तू मारडाल हमारी रक्षा कर' और वे अपने चेले राजाओं को समझाते थे कि अप निश्चिन्त रहिये महादेवजी भैरव अथवा वीरभद्र को भेज देंगे वे सब म्लेच्छों को मार डालेगे वा अंधा करदेंगे अभी हमारा देवता प्रसिद्ध होता है हनुमान दुर्गा और मैंरव ने स्वप्न दिया है कि हम सब काम करदेंगे वे विचारे भोले राजा और क्षत्रिय पोपों के बहकाने से विश्वास में रहे कितने ही ज्योतिषी पोपों ने कहा कि अभी तुम्हारी चढाई का मुहूर्त नहीं है एक ने आठवां चन्द्रमा बतलाया दूसरे ने योगिनी सामने दिखलाई इत्यादि बहकावद में रहे जब म्लेच्छों की फौज ने आकर घेर लिया तब दुर्दशा से भागे, कितने ही पोप पुजारी और उनके चेले पकड़े गये पुजारियों ने यह भी हाथ जोड़ कहा कि तीन क्रोड़ रुपया लेलो मन्दिर और मूर्ति मत तोड़ो मुसलमानों ने कहा कि हम “बुत्परस्त नहीं किन्तु “बुतशिकन अर्थात् मूर्तिपूजक नहीं किन्तु मूर्तिभंजक हैं जा के झट मन्दिर तोड़ दिया जब ऊपर की छत टूटी | तब चुम्बक पाषाण पृथक् होने से मूर्ति गिर पड़ी जब मूर्ति तोड़ी तब सुनते हैं | कि अठारह क्रोड के रत्न निकले जब पुजारी और पोप पर कोड़ा पड़े तब रोने • लगे कहा कि कोष बतलाओ मार के मारे झट बतला दिया तब सब कोष लूट | मार कूट कर पोप और उनके चेलों को 'गुलामविगार बना पिसना पिसवाया, घास खुदवाया, मल मूत्रादि उठवाया और चना खाने को दिये ! हाय ! , क्यों पत्थर की पूजा कर सत्यानाश को प्राप्त हुए ? क्यों परमेश्वर की भक्ति न की जो म्लेच्छों के दांत तोड़ डालत ! और अपना विजय करते देखो ! जितनी मूर्तियां : हैं उनके स्थान में शूरवीरों की पूजा करते तो भी कितनी रक्षा होती पुजारियों ने इन पाषाणों की इतनी भक्ति की परन्तु मूर्ति एक भी उन शत्रुओ के शिर पर उड़के न लग जो किसी एक शूरवीर पुरुष की मूर्ति के सदृश सेवा करते तो वह अपने : सेवकों को यथाशक्ति बचाता और उन शत्रुओं को मारता ।। ( प्रश्न ) द्वारिकाजी के रणछोड़जी जिसने नर्समहता के पास हेडी भेज ! दी और उसका ऋण चुकादिया इत्यादि बात भी क्या झूठ है ? ( उत्तर ) किसी । साहूकार ने रुपये दे दिये होंगे किसी ने झूठा नाम उड़ा दिया होगा कि श्रीकृष्ण ने