पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/३९७

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एकादशैसमुल्लासः ॥ ३८१ लिये हम लीला पुरुषोत्तम जन्मे हैं जबलों हमारा उपदेश न ले तब लो गोलोक की प्राप्ति नहीं होती वहां एक श्रीकृष्ण पुरुष और सब स्त्रिय' हैं । वाह जी वाह ! भला तुम्हारा मत है । गोसाइयो के जितने चेले हैं वे सब गोपियां बन जावेगी अब विचारिये भला जिस पुरुष के दो स्त्री होती हैं उसकी बडी दुर्दशा होजाती है तो जहां एक पुरुष और क्रोडों स्त्री एक के पीछे लगी है उसके दुःख का क्या पारावार है ? जो कहो कि श्रीकृष्ण में बड़ीभारी सामथ्र्य है सबको प्रसन्न करते है तो जो उसकी स्त्री जिसको स्वामिनीजी कहते हैं उसमें भी श्रीकृष्ण के समान सामर्थ्य होगा क्योंकि वह उनकी अद्धगी है जैसे यहा स्त्री पुरुष की कामचेष्टा तुल्य अथवा पुरुष से स्त्री की अधिक होती है तो गोलोक में क्यों नहीं ? जो ऐसा है तो अन्य स्त्रियों के साथ स्वामिनीजी की अत्यन्त लड़ाई बखेडा मचता होगा क्योंकि सपत्नीभाव बहुत बुरा होता है पुन, गोलोक स्वर्ग की अपेक्षा नरकवत् होगया होगा, अथवा जैसे बहुत स्रीगामी पुरुष भगन्दरादि रोगों से पीड़ित रहत है वैसा ही गोलोक में भी होगा छ । छि । । छि ! ।। ऐसे गोलोक से मर्त्यलोक ही विचारा भला है । देखो जैसे यहा गोसाईजी अपने को श्रीकृष्ण मानते हैं और बहुत स्त्रियों के साथ लीला करने से भगंदर तथा प्रमेहादि रोगों से पीडित होकर महादु.ख भोगते हैं अब कहिये जिनका स्वरूप गोसाई पीड़ित होता है तो गोलोक का स्वामी श्रीकृष्ण इन रोगोसे पीड़ित क्यों न होगा ? और जो नहीं है तो उनका स्वरूप गोसाईजी पीड़ित क्यों होते है ? ( प्रश्न ) मर्त्यलोक में लीलावतार धारण करने से रोग दोष होता है गोलोक में नहीं क्योंक वहां रोग दोष ही नहीं है ( उत्तर ) *भोगे रोगभयम्” जहां भोग है वहा रोग अवश्य होता है और श्रीकृष्ण के क्रोडान्क्रोड स्त्रियों से सन्तान होते हैं वा नहीं और जो होते हैं तो लड़के २ होते हैं वो लड़की २ ? अथवा दोनों ? जो कहो कि लड़किया ही लड़कियां होती हैं तो उनका विवाह किनके साथ होगा ? क्योकि वह विना श्रीकृष्ण के दूसरा कोई पुरुष नहीं, जो दूसरा है तो तुम्हारी प्रतिज्ञाहानि हुई जो कहो लडके ही लडके होते है तो भी यही दोष आन पड़ेगा कि उनका विवाह कहां और किन के साथ होता है ? अथवा घर के घर ही में गटपट कर लेते है अथवा अन्य किसी की लडकियां वा लड़के हैं तो भी तुम्हारी प्रतिज्ञा गोलोक में एकही श्रीकृष्ण पुरुप' नष्ट होजायगी और जो कहो कि सन्तान होते ही नही तो श्रीकृष्ण में नपुंसकत्व और स्त्रियों में बन्ध्यापन दोष आवेगा । भला यह गोकुल क्या हुआ ? जानो दिल्ली के बादशाह की