पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/४२३

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. v= == == एकादशसमुल्लासः ।। आर्यराजा वर्ष मास दिन | ४ वर्ष ५० मास ० दिन २१ हरिप्रेम का १४ मदनपाल १७ १०१६ | विस्तार:१५ कर्मपाल १६ २ २ । अर्थराजा वर्ष मास दिन १६ विक्रमपाल २४ । ११ १३ १ हरिप्रेम ७ ६ १६ राजा विक्रमपाल ने पश्चिम दिशा | २ गोविन्दप्रेम २० २ का राजा मलुखचन्द बोहरा था ) उस । ३ गोपालप्रेम १५७ २८ पर चढाई करके मैदान में लड़ाई की, इस ४ महाबाहु ६ ६ ३९ लड़ाई में मलुखचन्द ने विक्रमपाल को | राजा महाबाहु राज्य छोड के वन में मारकर इन्द्रप्रस्थ को राज्य किया पीढी ! तपश्चर्या करने गये, यह बंगाल के राजा १० वर्ष १६१ मास १ दिन १६ इनका आधीसेन ने सुनके इन्द्रप्रस्थ में आके विस्तार: आप राज्य करने लगे पीढी १२ वर्ष १५१ | आर्यराजा वर्ष मास दिन मास ११ दिन २ इनका विस्तार:१ मसुखचन्द ५४ २ १० । अर्यराजा वर्ष मास दिन २ विक्रमचन्द १२ ७ १ राजा अाधीसेन १८ ५ २१ ३ अमीनचन्द* १०० २ विलालसेन १२ ४ रामचन्द् १३ ११८ । | ३ केशवसेन १५ ७ १२ • ५ हरीचन्द १४ र ४ माधसेन १२ ४ ६ कल्याणचन्द् ? ० ५ ४ ५ मयूरसेन २०११ २७ ७ भीमचन्द १६ २ ९ । ६ भीमसेन ५ १०६ ८ लोवचन्द २६ ३ । ७ कल्याणसेन ४ ८ २१ .९ गोविन्दचन्द ३१ ७ , १२ ८ हरीसेन १२० । १० रानी पद्मावती'? ० ० ६ क्षेमसेन ८ ११ रानी पद्मावती मरगई इसके पुन्न | १० नारायणसेन २२ भी कोई नहीं था इसलिये सब मुत्सदियों ११ लक्ष्मीसन २६ १ ० ने सलाह करके हरिप्रेम वैरागी को ग ० पर बैठा के मुत्सद्दी राज्य करने लगे पीढी | १२ दामोदरसेन ११ ५ १६ *इसका नाम कहीं मानकचन्द भी लिखा है। राजी दामोदरसेन ने अपने उमराव * यह पद्मावती गोविन्दचन्द की रानी थी। को वहुत दु.ख दिया इसलिये राजा के

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