पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/४२४

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। ४१८ सत्यार्थप्रकाशः ॥ | उमराव दीपसिंह ने सेना मिला के राजा ! पीढ़ी ५ वर्ष ८६ मास ० दिन २० इन के साथ लड़ाई की इस लड़ाई में राजा } का विस्तार.को मारकर दीपसिंह आप राज्य करने लगे । आर्थराजा बघ मास दिन पीढ़ी ६ वर्ष १०७ मास ६ दिन २२ इन का विस्तार’ --- २ अभयपाल १४ आर्थराजा वर्ष मास दिन ३ दुर्जनपाल ११ ४ १४ १ दीपसिंह १७ ३ १ ४ उदयपाल ११ २६ ७ २ राजासंह १४ यशपाल ३६ ४ २७ ३ रणसिंह है राजा यशपाल के ऊपर सुलतानशहाबु४ नरसिंह ४५ ० १५ 'दीन गरी गद गजनी से चढाई करके आया -५ हरिसिह १३ २ २९; और राजा यशपाल को प्रयोग के किले में ६ जीवनसिह ८ ० १ । संवत् १२४६ नाल में पड़कर कैद राजा जीवनासह ने कुछ कारण के ! किया पश्चान् इन्द्रप्रस्थ अर्थान् दिल्ली का । लिये अपनी सव सेना उत्तर दिशा को ! राज्य शाप ( सुलतान शहाबुद्दीन) करने भेज दी यह खवर पृथ्वीराज चौहाण वैराट - लगा पीढी ५३ वर्ष ७५४ मास ) दिन । १७ इनका विस्तार बहुत इतिहास पु* राजा सुनकर जीवनीसद ॐ ॐपर ! स्तकों में लिखा है इसलिये यहां नहीं चढाई करके आये और लड़ाई में जीवन- लिखा है। इसके आगे बौद्र जैनमत सिंह को मारकर इन्द्रप्रस्थ का राज्य किया * | विषय में लिया जायगा इति श्रीमद्दयानन्दसरस्वतीस्वामिनिर्मिते सत्यार्थप्रकाशे सुभाषाविभूषित आर्यावर्त्तयमतखण्डनमण्डने विषय एकादशः समुल्लासः सम्पूर्णः ॥ ११ ॥ * इसके आगे और इतिहास में इस प्रकार है कि महाराज पृथ्वीराज के ऊपर - सुलतान शहाबुद्दीन गोरी चढ़कर आया और कई बार हारकर लौट गया अन्त में संवन् १२४९ में अपम की फूट के कारण महाराज पृथ्वीराज को जति अन्धाकर अपने देश को लेगया पश्चात् दिल्ली ( इन्द्रप्रस्थ) का राज्य आपकरने लगा, मुसेल- : मानों का राज्य पीढ़ी ४५ वर्ष ६१३ रहा ।