पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/४७

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३४ सत्यप्रकाश 11 - : । इस मन्ध में जो प्रथम ( आई ) है उसका अर्थ प्रथमसमुला मे कर दिया है वही से लेना 1 अब तीन महान्याहूतियों के अर्थ सक्षेप से लिखते जान हैं ‘‘भूरिति वें प्राण’’ ‘‘य प्राण्यति चरऽचर जगत् स भू स्वयम्भूश्वर.” जो सब जगत् के जीवन का आधार, 1ण से भी श्रिय और स्वयम्भू है उस प्रण का वाचक हो "भू’ परमेश्वर का नाम है । ‘रिस्यपाम ” “’ सर्व दु: यखमप ( नयति सोपान ' जो सब टु खों से रहित, जिसके न झ से जीव सब दुखों से छूट जाते है इसलिये उस परमेश्वर का नाम ‘भुष ' है। ‘ । स्वरति ान:11 ‘य विविध जगट यानयति यान।[से स व्या:7 जो नानाविध जगत् मे व्यापक होके

सव की धारण करता है इसलिये उस परमेश्वर का नाम ‘स्व: है । ये तीनों

1 बचन तेत्रिय आरण्यक प्रपा ० ७ अ० ५ के हैं ( लवितु ) य: सुन युर द्वयति सर्वे जगत् स सविता तस्य" जो सब जगत का उत्पाद के अंीर सव ऐश्वर्य का दाता है ( देवस्य ) “यो दीव्यति दीव्यचे व स देव" जो सर्वे सुखों का देने हारा और जिसकी प्राप्ति की कामना सब करते हैं उस परमात्मा का जो ( वरेण्यम् ) वत्महम् स्वीकार करने योग्य आति श्रेष्ट ( भरी ) ‘शुद्वस्वरूपम्' शुद्धस्वरूप और पवित्र करनेवाला चेतन हास्वरूप है ( तत् ) उसी परमात्मा के स्वरूप को हम लोग ( धीमहि ) ‘‘घरेमहि’ धारण करे किस अयोजन के लिये कि ( य. ) ‘जगदीश्वर.' जो सविता देव परमात्मा ( न ) ‘‘अस्माकम्’ इसारी ( धियः ) ‘मृद्धि.' बुट्टियों को ( प्रचोदयात् ) ‘प्रेरये' प्रेरणा करे अत् बुरे कामों से छुड़ाकर अच्छे कार्यों में नृत्त करे 'हे परमेश्वर ' हे सच्चिदानन्दस्वरूप ' हे निय शुद्बुढ़मुक्तस्वभाव ' हे अज निरजन निर्विकार ' हे सबन्तयोंमेन् ' हे सर्वाधार जगत्पत सकलजगहृपादक 1 हे आा दे ' विश्वम्भर में सवव्या।! हे करुणा- मृतबारिe ' सवितुर्वेवस्य तब अों भूछंब तद्वय धीमदि दधीमहि। स्वर्योरेण्य भsस्ति ! धरेमईि ध्याचेस चा कस्से प्रयोजनारयत्राह। हे भगव ' य परमेश्वरो सविता देव भबानस्मक धिय प्रचोदया स एवास्मा इष्टदेवा भबसु पूज्य उपासनीय नातोन्य भवतुल्य भबतेrsव च क िचत सन्यागहे' ' हे । मनुग्यो जt सव सम , म समर्थ सचिदानन्दनन्तस्वरूप, नित्य शुद्धनिस्य ’ द्र, नित्य मुनस्वभाववाला, ' मागर, ठीक २ न्याय का करनहास, जन्म मरणादि छेशरहितआकार रहित, मधे से घट २ का जाननेबाला, लव का बता पिता, उत्पादक, अन्नादि से विव १ा ५१ण करन६, म कल "युक्त, जगन का निर्माता, शुद्ध स्वरूप और जो ९