पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/४८४

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४८२ सत्यार्थप्रकाशः ।। र ३०० ०००० (तीस लाख ) वर्षों का अायु । ( १५) धर्मनाथ का ४५ ( पैतालीस ) धनुषों का शरीर और १०००००० ( दश लाख ) वर्षों की आयु । (१६) शान्तिनाथ का ४० ( चालीस ) धनुर्षों का शरीर और १००००० (एक लाख) वर्ष की आयु । (१७) कुंथुनाथ का ३५ (पैंतीस) धनुर् का शरीर और ६५००० ( पंचानवे सहस्र ) वर्षों का आयु । ( १८ ) अमरनाथ का ३० ( तीस ) घनुयों का शरीर और ८४००० ( चौरासी सहस्र ) वर्षों का आयु । ( १९) मल्लीनाथ का २५ (पच्चीस) धनुषों का शरीर और ५५७०० (पचपन सहस्र ) वप का आयु। ( २० ) मुनिसुवृत का २० ( वीस ) धनुर्पो का शरीर और ३०००० (तीस सहस्र ) वर्षों का आयु । (२१) नमिनाथ का १४ (चौदह ) धनुषों का शरीर और १००० । एक सहस्र) वर्ष का आयु । (२२) नेमिनाथ का १० (दश) धनुष का शरीर और १००० ( एक सहस्र } वर्ष की आयु । (२३) पाश्र्वनाथ का ६ (नौ) हाथ का शरीर और १०० ( सौ ) वर्ष की आयु । (२४, महावीर स्वामी का ७ ( सात ) हाथ का शरीर और ७२ ( वहत्तर ) वर्ष की आयु । ये चौबीस तीर्थकर जौनयों के मत चलानेवाले आचार्य और गुरु हैं इन्हीं को जैनी लोग परमेश्वर मानते हैं और ये सब मोक्ष को गय है इसमें बुद्धिमान् लोग विचार लेवें कि इतने बड़े शरीर और इतना आयु मनुष्यदेह का होना कभी संभव है ? इस भूगोल में बहुत ही थोड़े मनुष्य वस सकते हैं। इन्हीं जैनियों के गपड़े लेकर जो पुराणियों ने एकलाख दश सहस्र और एक सहस्र वर्ष की आयु लिखा सो भी संभव नहीं हो सकता तो जैनियों का कथन संभव कैसे हो सकता है। अब और भी सुनो कल्पभाष्य पृष्ठ ४-नागकेत ने ग्राम की वरावर एक गिला अंगुली पर घरली (!)। कल्पभाध्य पृष्ठ ३५महावीर ने अंगूठे से पृथ्वी को दवाई उससे शेषनाग कंप गया (!) । कल्पभाष्य पृष्ठ ४६–महावीर को सप्प ने काटा रुधिर के बदले दूध निकला और वह सर्प ८ वें स्वर्ग को गया (!)। कल्पभाष्य पृष्ठ ४७–महावीर के पग पर खीर पकाई और पग न जले ( ! }} कल्पभाष्य पृष्ठ १६-छोटे से पात्र में ऊट बुलाया (!)।रत्नसार भाग १ प्रथम पृष्ठ १४–शरीर के मैलको न उतारे और न खुजलावे। विवेकसार भा० १ पृष्ठ १५-जानयों के एक दमसार साधुने क्राधित होकर उद्वेगजनक सुत्र पढ़कर एक शहर में आग लगादी और महावीर तीर्थंकर का अतिप्रिय था। विवेक० भा० १ पृष्ठ १२७-राजाको आज्ञा अवश्य माननी चाहिये । विवक० भाग १ पृष्ठ २२७-!