पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५०७

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- - I marinamum AA-44-4-

न्नयोदशसमुल्लासः ।। i:॥ । विदित होता है कि सरः परमेश्वर की कृपा से गर्भवती हुई !!! | २४ ।। २५-तब अबिरहाम ने बड़े तड़के उठके रोटी और एक पखाल में जल | लिया और हाजिरः के कन्धे पर धर दिया और लड़के को भी उसे सौंप के उसे विदा किया । उसने लड़के का एक झाड़ी के तले डाल दिया । और वह उसके सन्मुख बैठ के चिल्ला २ रोई ॥ तब ईश्वर ने उस बालक का शब्द सुना। तौ० उत्प० पर्व २१ । अ० १४ । १५ । १६ । १७ ॥ समीक्षक-अब देखिये ! ईसाइयों के ईश्वर की लीला कि प्रथम तो सरः का । । पक्षपात करके हाजिरः को यहां से निकलवा दी और चिल्ला २ राई हाजिर: और शब्द सुना लड़के का, यह कैसी अद्भुत बात है ? यह ऐसा हुआ होगा कि ईश्वर को भ्रम हुआ होगा कि यह बालक ही रोता है भला यह ईश्वर और ईश्वर की पुस्तक की बात कभी हो सकती है ? विना साधारण मनुष्य के वचन के इस पुस्तक में | थोड़ी सी यात सत्य के सब असार भरा है ।। २५ ।। । । २६--और इन बातों के पीछे यों हुआ कि ईश्वर ने अविरहाम की परीक्षा किई और उसे कहा । हे अबिरहाम ! तू अपने बेटे को अपने इकलौठे इजहाक को । जिसे तू प्यार करता है ले ।। उसे होम की भेट के लिये चड़ा और अपने बेटे इजहाक को बांध के उस वेदी में लकड़ियों पर धरा। और अविराम ने छुरी लेके अपने बेटे को घात करने के लिये हाथ बढ़ाया। तब परमेश्वर के दूत ने स्वर्ग पर से उसे पुकारा कि अबिरहाम २ अपना हाथ लड़के पर मत बढा उसे कुछ मत कर क्योंकि मैं जानता हूं कि तू ईश्वर से डरता है ॥ तौ० उत्प० पर्व २२ । अ० १ । २ । । ९ } १० । ११ । १२ ॥ समीक्षक--अव स्पष्ट होगया कि वह बाइवल का ईश्वर अल्पज्ञ है, सर्वज्ञ नहीं और अविरहाम भी एक भोला मनुष्य था नहीं तो ऐसी चेष्टा क्यों करता है और जो बाइबल का ईश्वर सर्वज्ञ होता तो उसकी भविष्यत् श्रद्धा को भी सर्वज्ञता से जान लेता इससे निश्चित होता है कि ईसाइयों का ईश्वर सर्वश नहीं ।। २६ । । । २७--सो आप हमारी समाधिन में से चुन के एक में अपने मृतक को गाडिये जिसनें आप अपने मृतक को गाड़े ॥ तौ० उत्प० पर्व २३ । ०६ ।।। समीक्षक-मुद के गाने से संसार की बड़ी हानि होती है क्योंकि वह सद || के वायु को दुर्गन्धमय कर रोग फैला देता है । ( प्रश्न ) देखो ! जिससे प्रति ।