पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५१३

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ग " प्रहार नशा मुल्लाख’ t ५१ १ नाशक तुम्हारे घरों में न जाने देगा कि मारे ॥ तौ० या ० प० १२ । ब० २१ । २२ } २३ ॥ समीक्षक-भला यह जो टोने टामन करनेवाले के समान है वइ ईश्वर ख वह कभी दे सकता है ? जब लगेहू का छापा दंचे तभी इसरायल कुल का घर जाने अन्यथा नहीं। यद कम क्षुद्र बुद्धिवाल मनुष्य के सदृश है इससे यह विदित हो है कि ये बातें किसी जहूली मनुष्य की लिखी हैं ॥ ३८ ॥ ३९-और यों हुआ कि परमेश्वर ने आधीरात को सि सश्र के देश में सारे पांठ कई फिर ऊन के पांहबोर्ड ले जो अपने सिंहासन पर बैठता था उस बन्र्ध श्रा के पहिलौठे लों जो बन्दीगृह में था पशुन के पहलौठे समे त नाश कि ये और शव को फिरा उन उठr बह और उसके सय सेवक और सारे मिली उठे और मिश्र में बड़ा विलाप था क्योंकि कोई बर न रहा जिसमें एक न मरा ।i तौ० या० ५० '१२ 1 अप० २९ । ३० ॥ समीक्षक-वांडू ! अच्छा आधीरात को डाकू के समाम निर्देयी होकर ई साइयों के ईश्वर ने लड़के वाले, दृद्ध और पशु तक भी बिना अपराध मार दिये और कुछ भी दया न आई और मिश्र में बड़ा विलाप होता रहा तो भी क्या ई- साइयों के देवर के चित्त खें निष्ठुरता नष्ट न हुई 1 एसा काम ईश्वर का तो क्या किन्तु किसी साधारण मनुष्य के भी करने का नहीं है। यह माश्चर्य नहीं क्योंकि लिखा है ‘‘सांसाहारिणः कुतो दया' जब ईसाइयों का ईश्वर मांसाहारी है तो उस को दया करने से क्या काम है । ? ॥ ३९ 11 यन ने ४०- परमेश्वर तुम्हारे लिये युद्ध करग 13 इसरायल के सन्तान से कहा कि वे आग बढ़ | परन्तु तू अपनी छड़ी उठा चोर समुद्र पर अपना हाथ बढ़ा और उस खे दो भाग कर और इसरायल के सन्तान समुद्र के बीचों बीच से सूखी भूमि में होकर चले जायेंगे ॥ तौ० या ० प० १४ । आ० १४ से १५ । १६ ।। समीक्षक-—क्यजी ! आगे तो ईश्वर भेड़ों के पीछे गड़रिये के समान इस्त्राये येल कुल के पीछे २ डोला करता था अब न जाने क६ आन्तर्धान होराया 3 नहीं से समुद्र के बीच में से चारों ओर के रेलगाडियों की सड़क बनवा त जसख सव से कार का उपकार होता और नाव आदि बनाने का श्रम छूट जात। परन्तु दया किया जाय ईसाइयों का इंश्वर न जाने कहां छिप रहा है ? इत्यादि बहुतली पड़ा