पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५१४

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५११ सत्याका: । A के साथ असम्भव लीला बाइबल के ईश्वरने की हैं परन्तु यह हुआ कि जैसा | विदित ईसाइयों का ईश्वर है वैसे ही उसके सेवक और ऐसी ही उसकी बनाई पुस्तक हैं । ऐसी पुस्तक और ऐसा ईश्वर हम लोगों से दूर रहे तभी अच्छा है : ४० ॥ ह पितरों के ४१-क्योंकि मैं परमेश्वर तेरा ईश्वर ज्वलित सर्वशक्किम अपराध का दण्ड उनके पुत्रों को जो मेरा वैर रखते हैं उनकी तीसरी और चौथी पंढ लॉ द्वय तोंदू था ० प० २ । आ४० ५ ॥ समीक्षक-भला यह कि घर का न्याय है कि जो पिता के भपराध में ४ पीढ़ी तक दण्ड देना अच्छा समझना क्या अच्छे पिता के दुष्ट और दुष्ट के अच्छे सन्तान नहीं होने १ जो ऐसा है तो चौथी पीढ़ी तक दण्ड कैसे दे सकेगा ? और जो पांचवीं पीढ़ी से आगे दुष्ट होगा उसको दण्ड न दे सकेगा, बिना अपराध किई को दण्ड देना अन्यायकारी की बात है : ४१ ॥ ४२ . विश्राम के दिम को उसे पवित्र रखने के लिये स्मरण कर ॥ छ: दिन लों तू परिश्रम कर ॥ और सातवां दिन परमेश्वर तेरे ईश्वर का विश्राम है 1 परसे श्वर ने विश्राम दिन को आशीष दी॥ तौ० या ० प० २० 1 अप्र ० ८ ३१ १० 1 समीक्षक-क्या रविवार एक ही पवित्र और छः दिन अपवित्र हैं ? और का परमवर ने छ: दिन तक बडा परिश्रम किया था। १ कि जिस से थक क दिन लोगया है और जो रविवार को आशीर्वाद दिया तो खोमवार आदि छ: दिनों को क्या दिया है अर्थात् शाप दिया होगा ऐसा काम विद्वान् का भी नहीं तो मैं श्वर का क्योंकर हो सकता है ? भला रविवार में क्या गुण और सोमवार ने क्या दोष किया था कि जिससे एक को पवित्र तथा बर दिया और अन्या सातव एस ह्या अपावत्र कर दिय : I ४ २ 1 क5 १७ २-छपने परोसी पर झूठी साक्षी मत दे ॥ अपने परोसी की की ओर उस दाव उसकी दाखी और उख के बैल और उसके गदहे और किसी बल जो तेरे परोसी की है लालच मत कर It तौ० या ० प० २० । आ० १६ ! समीक्षक-वाह 1 तभी कई लोग परदेशियों के माछ पर ऐसे झुकत हैं । -तो जानो जल पर, भूखा अन्न जैसी यह मतलबसिन्धु प्याखा पर केवल और पक्षपात की बात दे ऐहो इमइयों का अवश्य होगा ? समय मंत्री ईश्वर यदि कोई कहे कि हम मात्र को परोसी तो मनुओं के कौन और मानते हैं व सिवाय अन्य सी दास वIढ़ 8 जिनको अपरोसी गिले १इसलिये ये बातें स्त्रोत जुड़यों की हैं इवर की नईn ly