पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५१५

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नयोववमुला: । ५१३ ४४ --सो अब लड़कों में से हरएक बेटे को और हरपक बी को जो पुरुष से युक्त हुई ां प्राण फै सा हो परन्तु व बाटयां जो पुरुष व संयुक न हुई हैं। उन्हें अपने लिये जीती रक्खो 1 तों० गिनती० प० ३१ । आ० १७ १८ है॥ समीक्षक. —वाइजी ! मूसा पैगम्बर और तुम्हार ईश्वर धन्य है ! कि जो बी. बालक, वृद्ध और पशु आदि की हत्या करने से भी अलग न रहे और इससे स्पष्ट नाश्वत सता दें कि मूसा rवषया था, क्यक जा षयों न होता ता अश्तiन अथात् पुरुषों व स माग न कोहुई कन्याओं को अपने लिये मगवाडा व उनको एस निय व विषयीपन की आज्ञा क्या देता । के ॥ ४४ ॥ ४५-—जो कोई किसी समय को मारे और बहू सरजाय वह निश्चय यात किया जाय 1 और वह ममुख्य घात में न लगी हो परन्तु ईश्वर ने उसके हाथ में सौंप दिया हो तब मैं तु भागने का स्थान बता दूग ॥ तौ० या० प० २१ । छा० १२ व १३ । समीक्षक--जो यह ईश्वर का न्याय सच्चा है तो सूसा एक आदमी को मार गाडकर भाग गया था उस व यa ड क्यों न हुआ अदा है जो कई इवर न मूली को मारने के निमित्त सपा था तो इंश्वर पक्षपातो हुआ क्योंकि उस मूसा का राज से न्याय क्यों न होने दिया ? ll ४५ ॥ - e। ४ ६--र कुशल का पiल दा व स परम श्वर के लिये वाया ॥ आर मूसा ने अधा लहू ल पमन म रक्खा र आाधा जादू बीं पर छिड़कr आर मूसा ने उन तला ल लांगों पर छिड़का आर्डर क३ कि यहू लाटू उस नियम का है जिसे परमेश्वर ने इन बातों के कारण तुम्हारे साथ किया है ॥ और पर- मेश्वर ने मूसा से कहा कि पहाड़ पर मुझ ास आ और वहां रह र तु पत्थर की पट्टियों और व्यवस्था अगर अज्ञ जां मंच iल को दे दूग हैं त २ या ० प ० २४ । अ० ५ । ६ 1 ८ 1 १२ 17 - r - . ससमति क। -छ देखिये ! य सब जद्दो लोगों की बात ३ वा नहींहै और परमवर व लों का बलिदान व ता आर बदा पर सह छठता यद के सो जह पत, अ सभ्यता की बात है १ जब ईसाइयों का खुद भर्भ मेला का बलिदान स व ता यु के भतक बैल गाय क बलिदान की प्रादा स पट क्यों ार ? वोट गत की । इ।नि क्यों न करें : एर्मी २ बुरी बात बाइज में भर्ती हैं इस के मार्ग से । | बदई में भी ऐसाडf दुष [ना पात परन्तु वदा म एवं पIता का नाम भी •