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नयादशखमुला: । ५१५

नाई को उन लकड़ियों पर जो यज्ञवेदी की आग पर हैं विधि से घरें ।जिसते बलि- दान की भेंट हबे जो आाग से परमेश्वर के सुगन्ध के लिये भेंट किया गया । तो० लयव्यवस्था की पुस्तक प० १ । आ२५। ६, । ७ । ८ से ९ ।। समीक्षक-तनि विचरिये ! कि बैल को परमेश्वर के आगे उसके भक मारें और वह मरवावे और लोहू को चारों ओर छिडों, अग्नि में होम करें, ईश्वर सुगंध लेवे, भला यह साई के घर से कुछ कमती लीला है१ इसी से न बाइबल ईश्वरवत और न वह जली मनुष्य के सदृश लीलाधारी ईश्वर होसकता है । ४९ ॥ ५०-फिर परमेश्वर मूसा से यह कहके बोला यदि वह अभिषेक किया हु भा याज क ोग के पाप के समान पाप करे तो वg आपने पक्ष के कारण जो उसने किया है अपने पाप की भेंट के लिये निसखोट एक बछिया परमेश्वर के लिये लावे ॥ और बछिया के शिर पर अपना हाथ रक्खे और बछिया को परमेश्वर के आगे बली करे ।। लै० य ० तो ० प ० ४ । । आ० १ से ३ । ४ ॥ समीक्षक-अब देखिये 1 पार्षों के छुड़ाने के प्रायश्चितस्वयं पाप करे गाय आदि उत्तम पशुओं की हया करे और परमेश्वर क रवावे धन्य हैं ईसाई लोग कि ऐसी बातों के करने करनेहारे को भी ईश्वर मानकर अपनी सुकि आदि की आशा करते हैं !" ५०। ५१-जब कोई अध्यक्ष पाप करे : तब वह बकरी का निसखोट नर सेना अपनी ट के लिये लावे 17 और उसे परमेश्वर के आगे बली करे यहूं पाप की भेंट है ॥ तौ० लै० प० ४ । आ० २२ । २३ से २४ ॥ समीक्षकवाजी ! बोह' !! यदि ऐसा है तो इनके अध्यक्ष अर्थात् न्यायाधीश तथा सेनापति आदि पाप करने से क्यों डरते होंगे । १ माप तो यथेष्ट पाप र और प्रायश्चित्त के बदले में गाय, बछिया, बकरे आदि के प्राण लेवें, तभी तो ईसाई लोग किसी पशु वर पक्षी के प्राण लेने में शक्ति नहीं होते । सुनो ईसाई लोगो ! शव तो इस जली सत को छोड़ के सभ्य धर्ममय वेदमत को स्वीकार करते कि जि ससे तुम्हारा कल्याण हो ॥ ५१ ॥ ५२और यदि उसे भेड लाने की पूंजी न हो तो वह अपने किये हुए 'रा राध के लिये दो पिंडुकियां और कपोत के दो बच्चे परमेश्वर के लिये लाये थे और उसका शिर व गले के मुख से मराहु ास परन्तु अल न कर 41 क ा केय हुए पाप का प्रायश्चित करे और उसके लिये व मा (३या जोयग पर यदि ठ में दो पिडुकियां और कपोत के दो बच्चे लाने ती जी न हो तो और भर चला दिन का