पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५२०

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५१८ ऐसे पुस्तक को मानने में लजा नहीं आती परन्तु क्या करें विचारे फंस ही गये अब निकलने के लिये बहु पुरुषार्थ करन उचित है : ५५ । है । रजाघों का पुस्तक । ५६और बाबुल के राजा नबूझुजर के राज्य के उन्नीसवें वर्ष के पाँचवें मास सात तिथि में बाबुल के राजा को एक से व नथूसर अहान जो नि सेना का प्रधान अध्यक्ष था यरूसलम में आाया और उसने परमेश्वर का मन्दिर और राजा का भवन औ।र रूसलम के सारे घर और हरएक बड़े घर को जला दिया और

कसदिर्यों की सारी सेना ने जो उस निज सेना के अध्यक्ष के साथ थी यरूसल स की

] भीतों को चारों ओर से ढ दिया ॥ तौ० रा० १० २५ । आ० ८ । 81 १० ॥ समीक्षा -या कियाजाय ईसाइयों के ईश्वर ने तो अपने ग्राम के लिये दाऊद आदि से घर बनवाया था उमें आराम करता होगा, परन्तु नव्मर मदान ने ईश्वर के घर को नष्ट भ्रष्ट रदिया और ईश्वर वा उसके दूतों की सेना कुछ भी न करसकी प्रयम तो इनका ईश्वर बड़ी लड़ाइयां मारता था और विजयी होता था परन्तु आप अपना घर जला तुड़वा बैठा न जाने चुपचाप क्यों बैठा रइा है और न जाने उसके दूत किधर भाग गए ? ऐछे समय पर कोई भी काम न आया और ईश्वर का पराक्रम भी न जाने कहां उड़ गया ? यदि य ६ बात सच्ची हो तो जो २ विजय की वार्ता प्रथम लिखीं खो २ सब व्यर्थ ही गई क्या मिस्र के लड़के लड़कियों के मारने में ही शूरवीर बना था आत्र शु विीरो के सामने चुपचाप हो बैठा १ च तो ईसाइयों ईश्वर ने अपनी करली ऐसे ही हजारों के निन्दा और अप्रतिष्ठा इस्र पुस्तक में निकम्मी कहानियां भी हैं ॥ ५६ ॥ में जबर दसरा Yग । काल समाचारकी पहिली पुस्तक । ५७-दो परमेश्वर मेरे ईश्वर ने इखराएल पर मरी भेजी और इसराएल से खतर सइन पुरुष गिर गये ॥ काल ० दू० २1 ५० २१ । आ० १४ t समीक्षक- देखिये ! इवरएज के ईसाइयों के ईश्वर की लीला जिस ई राएल कुल को बहुत से वर दिये थे औ।र रात दिन जिन के पालन में डालता था। अब मट क्रोधित होकर सरी डाल के सत्तर सहन मनुष्यों को मार डाला जो यह किसी कठिने लिखा है सत्य है कि;