पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५३३

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१३ a . दिघल्ला: ।

पंने कैों चली में ड्रेस के समान आर लहूं की भावना कर खाते पीते हैं य६ कितनों बुरी बात है ? जिन्होने अपने गुरू के साथ लोहू को भी खाने पीने कf भावना से न छोड़ा तो श्र को कैसे छोड़ सकते हैं ? Al ८३ ॥

८४-अर व पिता का आर जब व्ां दोनों पुत्रों को छपन लग गया और शक करने और बहुत उदास होने लगा तब उसने उनसे कहा कि मेरा मन यहांतों आते उदास है केि में मरने पर हू र थोड़ा आगे बढ़ के वह मुंह के बल गिरा और प्रार्थना की है सेरे पिता जो होध तो यद कटोरा मेरे पास से टलजाय ॥ ईं ० स० प० ३६ } आ० ३७ । ३८ ! ३९ ॥ समीक्ष-देखो ! जो वह केवल मनुष्य न होता, ईश्वर का बेटा और निकाल दर्शी और विद्वान् होता तो ऐसी अयोग्य चेष्टा न करता इससे स्पष्ट विदित होता है कि यइ प्रपंच ईखाने अथवा उसके चेलों ने झूठ मूठ बनाया है कि वह ईश्वर का बेटा भूत भवियत् का वेत्ता और पाप क्षमा का क है इससे समझना चाहिये यह केवल साधारण सूधा सच्चा अविद्वार था न विद्व, न योगी, न सिद्ध था ॥ ८४ । ॥ ८५ —वह बोलता ही था कि देखो यहूद्द जो बारह शिष्यों में से एक था आाप हुंचा और लोगों के प्रधाल यजकों और प्राचीन की ओर से बहुत लोग खड़े ' और ताठियां लिये उसके बंग यीशु के पकड़वानेहारे न उन्हें यह पता दिया था जिसको म चूंजू उसको पकड़ा और वह तुरन्त यीशु पास आ बोला हे गुरू प्रणाम और उसको चूमा 1 तब उन्होंने यीशु पर हाथ डाल के उसे पकड़ा तब खब शिष्य उसे छोड़ के भागे । अन्त में दो झूठे साक्षी आके बोले इसने कहा कि मैं ईश्वर का मन्दिर ढढा. सकता हूं उसे तीन दिन में फिर बना सकता हूं । तब महायज खड़ा हो यीशु से कहा क्या तू कुछ उत्तर नहीं देता ये लोग तेरे विरुद्ध क्या साक्षी देते है। परन्तु यीशु चुप रहा इस पर महायाजक ने उससे कहा में तुझे जीवते ईश्वर की क्रिया देता हूं हम खे क तू इंश्वर का पुत्र ठंीष्ट है कि नहीं । यीशु उससे बोला तू तो कहता तब मायाज ने अपने वश फाड के क ा य ईश्वर की निन्दा कर चुका है अब हमें साक्षियों का और क्या प्रयजन देखो तुमने अभी उसके मुख से ईश्वर की निन्दा सनी है । अत्र क्या विचार करते हो तब उन्होंने उत्तर दिया बढ वध के योग्य है . । तब उन्होंने उसके मुंह पर थू ा और उसे चूहे मारे औों ने थपेड़े मार के का हे खीष्ट से भवियत्वावणी वोल किसने तुझे मरा । पितर व बाहर अगने में बैठा थी और एक दाखी उस पास अ बोली लू भी यीशु गtलीली के संग था । उस ने सों के सामने मुकर के कहा मैं नहीं जानता हूं या कहती 1 जब बलू बर - - h r थे ।