पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५३८

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५३६ एयथा : ? योहारबित सुसमाचार ॥ ड२- आदि में बचम था और व वन ईश्वर के संग था और वचन ईश्वर था। वह आदि में ईश्वर के संग था । सब कुछ उसके द्वारा जा गया और जो ट्रज्ञा गया है कुछ भी उस बिना नहीं जा गया। उप में जीवन था और वह जीवन मनुष्यों का अजिला था 3 प० १। आ० १ । २। ३, ४ ! समीक्ष त-आदि में वचन विना बक्का के नहीं होता और जो वचन ईश्वर के संग था तो यह कहना व्यर्थ हु आा और बचम ईश्वर क भी नहीं हो सकता क्योकि जब वह अदि में ईश्वर के संग था तो पूर्व वचन बा ईश्वर था यह नहीं घट सकता, व न के द्वारा दृष्टि कभी नहीं हो सकती जबत डस का कारण न हो और व चन के बिना भी चुप चाप रह कर क स्मृष्टि कर सकता है, जीवन जिसमें वा क्य। था इस वचन ये जीव आमाद मानोगे, जो अनादि हैं तो आंद म के नमूनों में श्वास है कना झूठा हुआ और क्या जीवन मनुष्यों इी का उजियाला है पवादि का नाम ६२ ॥ १३-और बियारी के समय में जब शैतान शिमोन के पुत्र यिहूदा इस्तरियोता के मन में उठ से पड़ने का मत डाल का था !! यो० प० १३ । आ० २ ॥ समीक्ष-यह बात सच नहीं क्योंकि जब कोई ईसाइयों से पूछोगे कि शैतान सत्र को बताता है तो शैतान को न बताता है, जो हो शैतान आपसे आप वह जूता है तो मनुष्य भी आप से आप बह सक ते .. शैतान का क्या काम और यदि शैतान का बनाने और बकने वाला परमेइबर है तो वह शैतान का रो तान मार्गों का ईश्वर ठहरा परमेश्वर ही ने चव को उसके द्वारा बकाया, भा ऐसे कम ईश्वर के हो सकते हैं ? सच तो यह है कि ग्रह पूश्तक ईसाइयों का स्र ईer घर का नेटा जिन्हने बनये वे शैतान हों तो हों किन्तु न य इ इंश्वर छत ड स्त 5 न मैं ईयर और न ईसा ईश्वर का बेटा हो कवा दे । ५३ | A A द ५४-६ा मन ठाकुन न होवे, ईश्वर पर विश्वास करो और मुझपर विश्वास । न ए पि 1r के प र में बढत में रहने के स्थान हैं नहीं तो मैं तुम से क हता में ड टूर करने t 7 व के + itये थम ते गर जtता र ा में जो तुम्हारे लिये स्थान पर 5 से तिर आने के सुन्दै नपने य६ा गा न ही मैं हूं नदार भी । रद्द

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