पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५४१

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भ्रयोदशखमुला: ॥ १३ 4 समीक्षक-भला जब ईसा स्वर्गमें न होगा तब ये विचारे धूप दीप नैवेद्य आतेिं आदि पूजा किसकी करते होंगे १ और यहां प्राटस्टेंट ईसाई लोग बुरपरस्ती ( मूर्तिपू जा ) को खण्डन करते हैं और इनका स्वर्ग बुरपरस्ती का घर बन रहा है। १००। में १०१और जब मेम्ने छापों में से एक को खोता तब मैंने दृष्टि की चारों प्राणियों में से एकको जैसे मेघ गर्जने के शब्दु को यह कहते सुना कि आग और देख और मैंने दृष्टि की और देखो ए श्वेत घोड़ा है और जो उस पर बैठा है उख पाख धनुष है और उसे मुकुट दिया गया और वह जय करता हुआ और जय करने को निकला । और जब उसने दूसरी छाप खोली । दूसरा घोड़ा जो छाल था निकला उसको यह दिया गया कि पृथिवी पर से मेल उठा देवे । और जब उसने तीसरी छाप खोली देखो एक काला घोड़ा है। और जब उसने चौथी छाप खोली और देखो एक पीलाला घोड़ा है और जो उस पर बैठा है उसका नाम मृत्यु है इत्यादि ॥ योo न० प० ६ : आ० १ । मैं । ३ । 8 । ५ 1 ७ से ८ ॥ समीक्षक-अब देखिये यह पुराणों से भी अधिक मिथ्या लीला है वा नहीं ? भला पुस्तकों के बन्धों के छापे के भीतर घोड़ा सवार क्योंकर रइसके होंगे ? यह स्वप्न का बरड़ाना जिन्होंने इसको भी सत्य माना है उनमें आविद्या जितनी कहें उतन ही थोड़ी है ॥ १०१ ॥ १०२-और वे बड़े शब्द से पुकारते थे कि हे स्वामी पवित्र और सत्य कवल तू न्याय नहीं करता है और पृथिवी के निवासियों से हमारे लोहू का पलटा नहीं लेता । है । और हर एक को उजला बल दिया गया और उससे कहा गया कि जबलों - म्हारे खी दाख भी और तुम्हारे भाई जो तुम्हारी नाई वध किये जाने पर हैं पूरे न हों तबलों और थोड़ी देर विश्राम करो ।॥ यो ० म० प० ६ । अप० १० । ११ 13 समीक्षक -जो कोई fईसाई होंगे वे दौड़े सुपुर्द होकर ऐसा न्याय करने के लिये रोया करेंगे, जो बे मार्ग का स्वीकार करेगा उस न्याय होने में कुछ भी देर न होगी ईसाइयों से पूछना चाहिये क्या ईश्वर की कचहरी आजकल बन्द है ? और न्याय का काम भी नहीं होता न्यायाधीश निकम्मे बैठे हैं ? तो कुछ भी ठीक २ उत्तर न दे सकेंगे और इनका ईश्वर बहक भी जाता है क्योंकि इनके कहने से तट इनके शबू | से पलटा लेने लगता है और दैशिछे स्वभाववाले हैं कि मेरे पीछे वैर लिया करते हैं शान्ति कुछ भी नहीं और जहा शान्ति नहीं बांदुःखकाक्य पारावार होग7१०२॥ -