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चतुदशसमुलाः it ५५९

और पुन: थोड़ी देरमें कहा कि निकलो जो भाविष्यत् बातों को जानता होता तो वर ही क्यों देता है और बहकाने वाले शैतान को दण्ड देनख मखमथ भी दोख पड़ता है। और वह वृक्ष किसके लिये उत्पन्न किया था ? क्या अपने लिये वा दूसरे के लिये ? जो दूसरे के लिये तो क्यों रोका है इसलिये ऐए बातें न खुदा की और न उसके बनाये पुस्तक में हो सकती है आदम सब खुद से कितनी बातें सीख आय है और जब पृथिवी पर आदम साहेब आये तब किख प्रकार आये ? क्या वह्य बहित पहाड़ के पर है वा आकाश पर १ उससे केस उतर आये १ अथवा पक्षो के तुल्य आये अथवा जब ऊपर स्र पर गिर पहने इसमें य६ ािदत दाता : rके जब आदम साब सी ये बनायेगये तो इनके स्वर्ग से भो महो होगी है और जितने वहां और हैं वे भी वै वे हो फ़ार, आदि हांग क्योंकि सही के शरीर विना इन्द्रिय भाग नहीं हो सकता जब पार्थिव शरीर हैं तो मृत्यु भी अवश्य होना चाहिये यदि मृत्यु होता है तो वे वहां से कहां जाते हैं १ और मृत्यु नहीं होता तो उनका जन्म भी नहीं हुआ जब जन्म है तो मृत्यु अवश्य ही है यदि ऐसा है तो कुरान में लिखा है कि वीबियां सदैव बहिश्त में रहती हैं जो 25 हर्ष जयगा क्योंकि उनका भी मृत्यु अवश्य होगा जब ! ऐशा है तो बहिश्त में जानेवालों का भी मृत्यु अवश्य होगा ॥ १२ ॥ १३-उस दिन से डरो कि जब कोई जीव किसी जीव से भरोसा न रखेग न उसकी सिफारिश वोकार कीजावेगी न उससे बदला लिया जावेगा और न वे सहाय पानेंगे ॥ में ० १। खि० १ । सू९ २ । आ० ४६ ॥ समीक्षक-क्या वर्तमान दिनों में न डरें?बुराई करने में सब दिन डरना चाहिये। जब लिफ़ारिश न मानी जायेगी तो फिर पैगम्बर की गवाही व सिफारिश से खुदा स्वर्ग देश यई बात क्योंकर सच हो सकेगी ? क्या खुदा बहिश्तवालों ही का सह यक है दोजख वालों का नहीं यदि ऐखा है तो खुदा पक्षपाती है ॥ १३ ॥ १४इसने मूसा को किताब और मोज़िलें दिये ॥ हमने उनको कहा कि तुम निन्दित बन्दर होजाओो यद एक भय दिया जो उनके सामने और पीछे थे उनको भैर शिक्षा ईमानदारों को ॥ मै० १ । सि० १। म्० २। आ० ५०। ६१ ॥ समीक्षक -—जो मूसा को किताब दी तो कुरान का होना निक है और उद्यो आाश्वर्य शक्ति दी यहू चाइल rर कुरान में भी लिखा है परन्ड यह बात मानने योग्य नहीं क्योंकि जो ऐसा होता तो अब भी होता जो अब नहीं से पहले भी दे f उनका बचपन का एक में हैं।