पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५८१

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चतुर्दशसमुल्लाः । ५७६ AAC जिदा करनेवाल में थे न हुआ ॥ कट्ठा जप मैंने तु आज्ञा दी फिर किसने रोका कि तूने विजदा न कियाकहा मैं उससे अच्छा हूं तूने मुकां आग से और उम्र- को मिट्टी से उत्पन्न किया ॥ कहा बख उसमें खें उतर यह तेरे योग्य नहीं है कि तू उसमें अभिमान करे ॥ कहा उठ दिन तक ढील दे कि खबरों में से उठाये जायें । कहा निश्चय तू ढील दिये गयों से है ।। कहा बख इसकी कसम है कि तूने मुझको गुमराह किया अवश्य में उनके लिये तेरे सीधे मार्ग पर बैथूगा ॥ और प्रायः तू उन को धन्यवाद करनेवाला न पावेगा कहा उससे दुर्दशा के साथ निकल अवश्य जो कोई इनमें से तेरस पक्षच करेगा तुम सब से दोजख को भगा ॥ में ० २१ जि० ८ । सू. ७ । आ० १० से ११ । १२ व १३। १४ से १५ । १६ । १७ ॥ & A A f समीक्षकअब ध्यान देकर सुनों खुदा और शैतान के तगड़े को एक फ़रिश्ता जला के पास , था व भी खुद से वे दुबा आर ख द् डक आत्मा को पवित्र भी न कर सका, फिर ऐसे बागी को जो पापी बनाकर रादर करनेवाला था उच को खुदा ने छोड़ दिया। खुद की यह बड़ी भूल है। शैतान तो सबको बहकाने वाला और खुद शैतान को बहकाने वाला होने से यह सिद्ध होता है कि शैतान का भी शैतान द है क्योंकि शैतान प्रत्यक्ष कर्शाता है कि तूने मुझे गुमराह किया इन- वे खुदा में पवित्रता भी नहीं पाई जाती और सब बुराइयों का चलानेवाला मूलकारण खुदा हुआ । ऐसा खुद मुयल मॉनों ही का हो सकता है अन्य श्रेष्ठ विद्वानों का नहीं और फरिश्तों से मछुख्यवत् वाताप करने से देहधारी, अल्पज्ञ, न्यायरहित, मुसल मानों का खुद्दा है इसीधे विद्वान् लोग इसलाम के महब को प्रसन्न न करते ५६९ ॥ ७०-निश्चय द्वारा समलिक आलाह्य है जिसने आसमान और पृवि को छ: दिन में उत्पन्न किया फिर करार पकड़ा अर्श पर । दीनता से अपने सलिक को पुकारा ॥ मं• २ । खि० ८ । सू० ७ । आ० ५३। ५४ । समीक्षक-भता जो छ: दिन में जगत् को बनावे ( आ ) अर्थात् उपर के प्रकाश में सिंटूरत पर आराम करे वह वह सर्वशकि सान् और व्यापक भी हो सकता है ?द न होने से वह खुद्दा भी नहीं करा सकता । क्या तुम्हारा खुदा बधिर है जो पुकारने से सुना है? ये सब बातें अनीश्वर कृत हैं वे कुरान ईवरक्त नहीं हो सकता यदि छ: दिनों में जगन बनाया सातवें दिन अर्श पर आराम किया तो को भी गया होगा और अबतक सोता है या जागता है ? यदि जागता है तो अब कुछ काम करता है व निकम्मा सैल सपढ़ और ऐश करता फिरता है । ७० ॥ --- --- - - - - - -