पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५८३

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चतुर्दशसमुखाख: ॥ ५८१ ड की ओर उसको परमाणु २ किया गिर पड़ा मूसा बेहोश ॥ में ० २ । ० ९ । सू॰ ७ । आ० १४२ ॥ 4 के । खच मक्ष - जो देखने में आता है वहू यrप नहीं हो सकता और ऐसे चमत्कार के ! "ता फिरता था तो खुदा ईख समय ऐसा चमत्कार किसी को क्यों नहीं दिखलाता ? था विरुद्ध होने से यद बात मानने योग्य नहीं ॥ ७४ ॥ ७५- और अपने मालिक को दीनता डर के मन में याद कर धीमी आवाज़ से बहू को और शाम को ॥ सं० २ । खि० ' । सू ० ७ । आ० २०४ ॥ समीक्षक-२ कुरान में लिखा है कि बड़ी आवाज़ से अपने सालिक को कार और कहीं २ धीरे २ ईश्वर का स्मरण कर, अब कहिये कौनसी बात सश्ची १ मौर कौनसी बात भू-की है जो एक दूसरी बात ये विरोध करती है वह बात प्रमत ति के स मान होती है यदि कोई बात नम से विरुद्ध निकल जाय उसको मान ले जो कुछ चिन्ता नहीं ॥ ७५ ॥ ७६-प्र करते हैं तु को छटों से कह छ: वास्ते अल्लाह के और रसूल के और डरो आलाइ से ॥ ०, २ । कि ० १,। सू० ८। आ० १ ॥ समीक्षक -जो स्कूटम चावें, डालू के कर्म करेंकरावें और खुदा तथा पैग़म्नर और ईमानदार भी बने, यद बड़े आश्चर्य की बात है और अल्लाहे का डर बतलाते और डांडादि बुरे काम भी कतेजयें और ‘कैडम मत हमारा है' को सजा भी नहीं । हठ छोड़ के सस्य वेद मत का प्रहण न करें इससे अधिक कोई बुराई दूसरी होगी १ ॥ ७६ ॥ ७७–और काटे जड़ काफिरों की I1 में तुम को सहाय दूग साथ सहन फ़रि- श्तों के पीछे २ प्रानेवाले ॥ अवश्य में काफ़िरों के दिलों में भय डाढ़ेगा बस सारो उपर गर्दन के माथे उनमें से प्रस्येक पोरी ( खंधि ) पर ॥ में ० २। खि० है । स० ८ । अ० ७। ९। १२ ॥ समीक्षक-वाइजी वाह ! के प खुदा और कैसे पैग़म्बर दयाहीन, जो मुखर मनी मस से भिन्न काफिरों की जड़ कटवाने अर खुद आज्ञा देव उनकी गर्दन सारो और हाथ पग के जोड़ों को काटने का समय और सम्पत्ति देवे ऐसा खुदा लंकेश वे क्या कुछ कम है ? यह सब प्रपंच कुरान के क ा है खुदा का नहीं, यदि खुद का झो तो ऐक्षा ड्रा म से दूर कर हम उसे दूर रहें : ७७ ॥ से