पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५८८

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५८६ सत्याक: t ८८-निश्चय परवरदिगार तुम्हारा अल्ला है जिसने पैदा किया आत्मा और प्रचिवी को बीच छ: दिन के फिर करार पकt ऊपर अर्श के तदबीर करता है काम ही ॥ में ० ३ से १ १ 1 स० १० । अ० है ! समीक्षक-आास मान आकाश एक और विना बना अनादि है उसका बनाना कि ने से निश्चय हुआ कि वकुरान पदाविद्या को नहीं जानता था ? क्या परसे श्वर के सामने छ: दिन तक बनाना पड़ता है ? तो जो ‘हो रे है और हो कम गया जब कुरान में ऐसा लिखा है फिर छ: दिन कभी नहीं लग सकते, इससे छ: दिन लगना झूठ है जो वह व्यापक होता तो ऊपर आकाश के क्यों ठहरता और १ जग काम की तदबीर करता है तो ठीक तुम्हारा खुदा मनुष्य के समान है क्योंकि सर्वा । जई है वह बैठा २ क्या तदबीर करेगा ?खडे विदित होता है कि ईश्वर को न जानने वाले जंगली लगf ने यह पुस्तक बनाया होगा ॥ ८८ l ८९शिक्षा और व्या वाले मुसलमानों के ॥ सं० ३ 1 छि० ११ ।- १० ।

छा - ५५ ? समीक्षक —क्या यह खुदा मु पल मानों ही ा है ? दूसरों का नहींहै और पक्षपाती । है । जो मु मलमा ही पर दया करे अन्य मनुयों पर नहीं, यदि मुमल मान ईमानदारी को कहते हैं तो उनके लिये शि दा की आवश्यकता ही नहीं और मुचत जमा से भिन्नता ो उपदेश नहीं करता तो खुदा की विद्या ही व्यर्थ है : ८९ ॥ ९०-परीक्षा लेवे तुम को कौन तुम में से अच्छा है क में जो कहे तू - उठाये जाोगे तुम पीछे मृत्यु के ॥ म० ३ । सि० ११ । स ० ११ । जा० ७ ॥ के व सीधक-जग करों की परीक्षा करता है तो सर्वज्ञ ही नहीं और जो मृत्यु पीछे खठावा है वो दौड़ाखुपुर्द रखता है और अपने नियम जो कि मरे हुए न जीवें उप को t दोब्रेता है यह खुदा को बट्टा लगना है : : ९० ॥ ९१-और कहा गया ये पृथिवी अपना पानी निगलजा और पे असमान गव अर और पानी सड़ गया 11 और ये कैम यह है निrनी ऊंटनी अल्लाह्य की वास्ते पर छोई दो उसको बीच पृथिवी अल्काइ के खाती फिर ॥ में ० ३ 1ा° . तुम्हारे

1 स० १ १

समककया जe पल की जा } ६३ पाती थ६ !ड़ाके ऊंटनी भी है तो उट भी होगा ? वो हाथी, घोड़े, गये प्रा० ४३ 5 ६३ ॥ है ! थिवी और आकाश क5भी बात सुन सकते