पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५८९

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चदशसमुला: । ५८७ आदि भी होंगे ! और खुदा का ऊंटनी से खेत खिताना क्या अच्छी बात है ? क्या ऊंटनी पर चढ़ता भी है जो ऐसी बातें हैं तो नवाबी की सी घसल फड़ खुदा के घर में भी हुई ॥ ९१ ॥ १२-और सदैव रहनेवाले बीच उसके जबतक कि रहे आास मान और पृथिवी और जो लोग सुभागी हुए बम बश्शित के सदा रहनेवाले हैं जबतक रहें आस- समन और पृथिवी !॥ में ० ३ । कि १२ 1 सू० ११ । आ० १०५ । १०६ ॥ । समीक्षक-जब वोज़ख और बहित में कृयामत के पश्चात् सब लोग जागे फिर आसमान और पृथिवी किसलिये रहेगी और जब दोजख और दिश्त के रहने की अवमान पृथिवी के रोने तक अवधि हुई तो उ द रहेंगे बहिश्त वा दोजख में यह बत झूठी हुई ऐसा कथन अविद्वानों का होता है ईश्वर या विद्वानों का नहीं ॥ २ ॥ ९३-जब यूसुफ ने अपने बाप से कहा कि ये बाप मेरे, मैंने एक स्वप्न में देखा ॥ सं० 31 ०ि १२ । स० १२५ आ० ४ से ५९ तक ॥ समीक्ष-इस प्रकरण में पिता पुत्र का संवाद रूप किस्सा कट्टानी भी है इस लिये कुन ईश्वर का बताया नहीं किसी मनुष्य ने मनुष्यों का इतिहास लिख दिया है ॥ ९३ । ९४ -अल्लाह वह है कि जिसने खड़ा किया आसमान को विना खंभे के देखते हो तुम उसको फिर ठहरा ऊपर अश के आज्ञा वर्देनेवाला किया सूज और चांद को है और वही है जिसने विछाया पृथिवी को ॥ उतारा आसमान से पानी शव बढे नाले साथ अन्दाज अपने के अल्लाह खोला है भोजन को वास्ते जिसके चाहे और तंग करता है। मं• ३ ।०ि १३ 1 सू० १३ अ० १।३। १७२६ ॥ समीक्षक-खल मार्गों का खुद पदार्थ विद्या कुछ भी नहीं जानता था जो जनता तो गुरुव न होने ख आसमान को खंभे लगाने की कथा कहानी कुछ भी न लिखता यदि खुदा अरूष एजेंस्थान में रहता है तो वह सर्वशक्किम। और सर्वव्यापक नहीं हो सकता । और जो खुदा मेघविद्या जानता तो आकाश से पानी उतारा लिख पुन: यह्य क्यों न लिखा कि पृथिवी से पानी ऊपर चढ़ाया इससे निश्चय हुआ कि कुरान का बननेवाला मेष की विया को भी नहीं जानता था । और जो विना अच्छे बुरे कामों के सुख दु:ख देखा है तो पक्षपाती आन्यायकारी निरक्षर भट्ट है ॥ १४ ॥ ।