पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५९१

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५८६ स मक्ष जो खुदा न अपना हहिं आदिम साढेब में डाली तो वह भी खुदा हुआ और जो बहू खुदा न था तो स्वि गदा अर्थात् नमस्कारदि भक्कि करने में अपना शरीक क्यों किया है जब शैतान को गुमराह करनेवाला खुदा ही है तो वह शैतान का भी शैतान बड़ा भाई गुरू क्यों नहीं है क्योंकि तुम लोग बहकानेवाले को शे नाम मानते हों तो न भी शं शन की ब इकया और प्रत्यक्ष तान ने कद्दा

िमें बहकऊ। फिर भी उसको दण्ड कर कैद क्यों न किया है और गार

क्यों न डाला १ ॥ ९८ ॥ 4 ९९और निश्चय भेजे हमने बीच हर उम्मत के पैगम्बर ॥ जब चात हैं हम उt kत ६ ६म ड का दर्द ब हो जाती हे ॥ में ० ३ I fसे ० १४ । ५ सू- १६ । आI० ३५ । ३९ ! समीक्षक-जो सब कौमों पर पैग़म्बर से जे हैं तो सब लोग जो कि पैग़म्बर की राय पर चलते हैं वे काफ़िकर क्यों ? क्या दूसरे पैगम्बर का मान्य नहीं सिवाय तुम्हारे पैगम्र के ? यह सर्वेथा पक्षपात की बात है जो सब देश में पैगम्वर भेजे तो आय्यवर्दी में न ar जा इसलिये यह बात मानने योग्य नहीं। जब खुद्दा वहता दे और कहा है , कि पृथिवी हो जा वह जड़ क भी नहीं सुन सकती, खुदा का बम क्योंकर बन सगा १ और िवाय खुदा के दूसरी चीज नहीं मानते तो सनr किसने १ गौर हो कौनसा गया ? ये ब आविद्या की बातें हैं ऐसी बातों को छ न लेह मन लत दें : ९९ ॥ १०० गैर नियत करते ६ वास्त माह के बेटियां पवित्रता है उसको और वास्ते उनके हैं जो कुछ चहें ॥ कसम अल्लाह की अवश्य भेजे हमने पैगम्बर ॥ मं० ३। खि० १४ । क्० १६ । आ० ५६ । ६२ ॥ समीक्षक-छल्लाह बेटियों से क्या करेग 7 बेटियां तो किसी मनुष्य को चाहियें, फों बेटे मियत नहीं किये जाने और बेटियां नियत की जाती हैं : इसका क्या कार ण है १ बताइये १ कस खाना झूठ का काम है खुदा की बात नहीं दकि बहुधा संसार में ऐषा देखने में आता है कि जो झूठा होता है वही कम खाता है उच्चा सौगन्द क्यों खाये १ १०० ॥ १०१-—ये लाग वे हैं कि मोदर रखी अल्लइ ने अपर दिलों उनके और कानों उनके और आंखों उनकी के और ये लोग वे हैं वेख्वर ॥ औौर पूरा दिया। - ५ हैं कप