पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/५९८

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सलरणार्थकाशः ॥ १९६ AAAAAAAAAA ६ जब अल्लाह के साथ पगम्बर का अझा पालन करना ावा ६ व खुदा की शरीक होगया वा नहीं १ यदि ऐसा है तो क् क्यों खुदा को लाशरीक कुरान में लिखा और कहते हो १॥ ११५५ ५ ११६र जिस दिन कि फट जावेगा आसमान साथ बदती के और उतारे जावेंगे फ़रिश्ते ॥ बख मत कहा मान काफिरों का और झगड़ा कर उससे साथ । झगड़ा बड़ा ॥ और बदल डालता है अल्लाह बुराइयें उनकी को भगाइयों ख है। और जो कोई तोवा: करे और कर्म करे अच्छे बख निश्चय आता है तर्फ अल्लाह की ॥ में ० ४ । खि० १६ । सू० २५ । प्रा० २४ । ४8 । ६७ । ६८ ? अकाश बदल समीक्षक-यह बात कभी सच नहीं हो सकती है कि के साथ फट जावे । यदि आकाश कोई मूर्तिमान पदार्थ हो तो फट सकता है । यह मुख धार्मिक लमानों का कुरान शांतिभंग कर गदर झगड़ा मचानेवाला है इसीलिये वि द्वान लोग इसको नहीं मानते । यह भी अच्छा न्याय है कि पाप और पुण्य जो का अदला बदला हजाय ! क्या यह तिल और उड़द की बात जो, पलटा हो - जावे में जो नोबा: करने से पाप छूटे और ईश्वर मिले तो कोई भी पाप करने से न डेरे इसलिये ये सब बातें विद्या से विरुद्ध हैं ॥ ११६ ॥ ५ ८ में व ११७-—वहीं की हमने तर्फ मूसा की यह कि ले चल रात को बन्द मेरे को निश्चय तुम पीछा किये जाने ॥ बख भेजे , लोग फिरों ने बीच नगरों के जमा करनेवाले ॥ और वह पुरुष िजिसने पैदा क्रिया मुझ को बख बही मा दिखलाता है ॥ और व३ जो खिलाता है मुफ को पिछता है मुझ को और वह पुरुष कि आशा रखता हूं मैं यह कि क्षमा करे वास्ते मेरे अपराध मेरा दिन क्या मत के ) में० ५ है कि २० १९ । सू० २६। आ० ५० 1 ५१ । ७६, ७७ 2 औ समीक्षक-जब खुदा ने मूसा की ओर बही भेजी पुनः बाद ईख और मुहम्मद साव की ओर किताब क्यों से ज्ञी १क्योंकि परमेश्वर की सात सदा एक सी और बेभूल होती है। और उसके पीछे कुरान तक पुस्तकों का भेजना पहली पुस्त को अपूर्ण भूलघु माना जायगा । यदि ये तीन पुत सच्चे हैं तो वह कुrम पा गा। चारों का जो कि १रस्पर प्रt: विरोध रखते हैं उनका सर्वथा सय होना नही हो सका ।थद्धि द ने रूद अर्थात् जीव पैदा किये हैं तो वे मर भी जयंगे अर्थात् उसका कभी

अभाव भी होगा? को परमेश्वर ही मनुष्यादि प्राणियों को खिलाता पिलाता है तो किसी