पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/६००

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५९८ अत्यथाश: t नहीं हो सकता है, यदि सरकशी करना बुरा है तो खुदा और मुहम्मद साहेब ने अपनी स्तुति से पुस्तक क्यों भर दिये ? मुझम्मद खादेश ने अनेकों को मारे इच से सरक- शीहुई व नहीं हैयह कुरान पुनरु क और पूर्वीपर विरुद्ध बाों से भरा हुआ है।११९॥ १२०और देखेगr तू पहाड़ों को अनुमान करता है तू उनको जमे हुए और वे चले जाते हैं मानिन्द चने बादलों की कारीगरी अदाइ कि जिसने दृढ़ किया हर वस्तु को निश्चय वह ख़बरदार है उस वस्तु के कि करते हो ॥ में ० ५ ॥ ि’ २० । सू० २७ । अ6 ८८ ॥ समीक्षक-च दल के समान हाड़ का चलना कुरान बनाने वालों के देश में होता होगा अन्यत्र नहीं और खुदा की खबरदारी शैताम बाग़ी को न पकड़ने और न दंड देने से ही विदित होती है जि ने एक वागी को भी अबतक न पकड़ पाया न दंड दिया इख से अधिक असावधानी क्या होगी ? ॥ १२० ॥ १२१-बस दुष्ट मारा उनको मू ल ने बख पूरी की आयु उप की । कहा ' रब मेरे निश्चय मैंने अन्याय किया जान अपनी को वह क्षमा कर मुफ्त को सब क्षमा कर ब्रिया ठ स ा iश्वय व क्षत करने वाला दयालु३ ॥ और मालिक तेरा उत्पन्न करता है जो कुछ चाहता है और पवन्द करता है ॥ में ०-५। लिख० २० । सू• २८ । अ• १४ । १५ । ६६ ॥ समीक्ष क-अ अन्य भी देखिये मुसलमान और ईसाइयों के पैगम्बर और खुदा कि सूखा पैगर मनुष्य की हत्या किया करे और खुदा क्षमा किया करे ये दोनों आ न्यायकारी हैं वा नहीं १ क्या अपनी इच्छा ही है जैसा चाहता है वेसी उपने करता है? क्या उसने अपनी इच्छा ही से एक को राजा दूसरे को कंगाल और एक को विद्वान और दूसरे को मूर्व मदि किया ३१ यदि ऐसा है वो न कुरान स्वदय और न म्याय कारी होने से यह खुझे ही हो सकता है ॥ १२१ ॥ १२२-और आज्ञा दी इसने मनुष्य को साथ मा बाप के भलाई करना और जो झगड़ा करें शुरू से दोनों य िशक जावे तू साथ मेरे उस व वस्तु को कि नहीं वाले सेरे साथ उसके दाम बंख मत क हा माtन उन दोनों का वर्च मेरी है ॥ और अवश्य भेजा हमने नूई को तर्फ कौम उ ा कि बवैल रही बीच उनके हज़ार वर्ष परन्तु पचास वर्ष कम ॥ सं० ५ । ०ि २०-२१ 1 सू० २९ । आ० ७ से १३ ॥ समीक-•माता पिता की सेवा करता तो अ6ा ही है जो खुद के साथ शरीक करने के लिये कई तो उनका कद न मानता यह भी ठीक है परन्तु यदि माला