पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/६१२

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६ १० संस्यार्थनाशः ॥


समीक्ष-यदि ईख औी भेजा हुआ खुदा का है तो उसके उपदेश से विरुद्ध कुशन खुद्दा ने क्यों बनाया है और कुरान से विरुद्ध यूजील है इसीलिये ये किताबें । ईवक्त नहीं हैं ई7 १३८ ॥ १३है—पकड़ उसको घख घखीटो उसको बी घीच दोजख के ॥ इसी प्रकार रहेंगे और व्याह्न देंगे उनको साथ गोरिथों अच्छी शस्त्रघातियों के ॥ मं० ६ । बि० २५। सू° ४४ । आ० ४४ । ५१ ॥ समीक-वाइ क्या खुद न्यायकारी होकर प्राणियों को पकड़ाता और घसी टवाता है मुसलसान है १ जब मुसलमानों का खुदा ही ऐसा तो उसके उपासक . अनाथ निर्बलों को पकई घसीटें तो इसमें क्या आश्चर्य है ? और वह सारी सम- नुष्यों के समान विवाह भी करता है जानो कि मुसलमानों का पुरोहित ही है।॥१३९। १४ ०-बस जब तुम मिलो उन लोगों से कि काफ़िर हुए बख मारो गर्दन उनकी यहांतक कि जब चूर करदी उनको व दृढ़ करो कैद करना और बहुत बस्तियां हैं कि वे बहुत कठिन थीं शक्ति से बस्ति तेरी थे जिसने निकाल दिया तुझको मारा हमने उसको बस कोई देनेवाला उनका ॥ तारीफ़ उख न हुआ सहाय बहिश्त की कि प्रतिज्ञा किये गये हैंपइरेजगार बीच उसके नहरें हैं कि न बिगड़े पान की और नहरें हैं दूध की कि नहीं बदला मज़ा उनका और नहरें हैं शराब की सज़ा देनेवाली बारते पीनेवालों के और नईशद साफ़ किये कि गये और वास्ते उनके बीच उसके मेवे हैं प्रत्येक प्रकार से दान मलिक उन ये ॥ में० ६ । खि° २६ । सू° ४७ । माe & 1 १३। १५ ॥ समीक्षक-इसी से यक्ष क ान, ख़ खा र मुमु लल मान गदर मचाने, सो दु:ख देने और अपना मतलब खे।धनेवाले दयाहीम हैं । जैसा यहां लिखा है वैधा ही दूसरा कोई दूसरे मसाला मु ल पर करे तो मानों को वैसा ही दुख जैसा कि अन्य को देते हैं हो या नहीं और ा बड़ा पक्षपाती है कि जिन्होंने उम्म लू स्!हेत्र को नि अल दिया उनो खुदा ने मारा, भंठा जि में शुद्ध पानी, दव, मद्य मौर श6द की नहरें हैं व इ पर वे आधि होल ता है ? और दूध , की ६में भी हो स कd हैं क्योंकि इ थोड़े समय में गिड जाता है इसीलिय y शान , लोग बुर।म के संत को नहीं नत्त ॥ १४ o t १२३ १-आई५ कि हिकाई जायेंगी पृथिवी हिलाये जtने करII और उड़ाए जावग के