पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/६१६

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-- अच्छी बीबियां देगा कि जो पुरुष से न मिली हों । जिस मनुष्य को किसी बुद्धि है वह विचार ले सकता है कि ये खुदा बुदा के काम में वा अपने प्रयोजन सिद्धि के, ऐसी २ बातों के ठीक स्जिद्ध है कि खुदा कोई नहीं कहता था, केवल देशकाल देख कर अपने प्रयोजन के सिद्ध होने के लिये खुदा की तर्फ रचे मुहम्मद साहेब कह देते थे। जो लोग खुदा ही की तर्फ तगाते हैं उनको हम क्या, सब बुद्धिमान यही कहेंगे कि खुद। क्या ठहरा मानो मुहम्मद साहेब के लिये बीबियां जानेवाला नाई ठहरा ॥ १४३ ॥ १४४-५ नवी झगड़ा कर काफ़िरों और गुप्त शत्रुओं से और सख्ती कर ऊपर उनके ॥ मं० ७ । चि ० २८। यू० ६६ ॥ आ० समीक्षक-देखिये मुसलमानों के खुद की लीला अन्य मतवालों से लड़ने के लिये पैग़म्बर और मुसलमानों को उचकाता है इसलिये मुसलमान लोग उपद्रव करने में प्रभुत्र रहते हैं परमात्मा मुसलमाने पर कृपादृष्टि करे जिससे ये लोग उपद्रव करना | छोड के सबसे मित्रता से वर्दी ॥ १४४ ॥ १४५. —फट जावेगा आख मान बस बह उस दिन सुस्त होगा ॥ और रिश्ते होंगे ऊपर किनारों उसके के और उठावेंगे तख्त मालिक तेरे का ऊपर अपने उस दिन आठ जन॥ उस दिन सामने लाये जाओगे तुम न छिपी रहेगी कोई बात छिपी हुई ॥ बख जो कोई दिया गया कर्मपत्र अपना बीच दाहिने हाथ अपने के स कहेगा को पढ़ो कर्मपत्र मेरा ॥ और जो कोई दिया गया कर्मपत्र बीच बाये हाथ अपने के बब कहेगा हाय न दिया गया होता मैं कर्मपत्र अपना ॥ सं० ७ 1 कि २९ । सू० ६९ ? आ° १६ । १७ व १८। १९। २५ ॥ सभीक्षकवाइ क्या फिलासफी और न्याय की बात है भछा अवकाश भी कभी फट सकता है मैं क्या वढे बन के समान है जो फट जावे १ यदि ऊपर के लोक को आ।समान कहते हैं तो यह बात विद्या के विरुद्ध है ॥ अब कुरान का खुदा शरीर होने में कुछ संदिग्ध न रक्षा क्योंकि तरूद्र पर बैठना आलू कहारों से उठवा ना विना मूर्तिमान् के कुछ भी नहीं हो सकता १ और सामने वा पीछे भी आना जाना भूमि ही का हो सकता है जब बह मूर्तिमान् है वो एकदेशी होने से सर्वश, सर्वव्यापक, स शकिसान नहीं हो सकता ोर सब जीवों के सब काँ को कभी नहीं जान सकता, यश चझे आश्चर्य की बात है कि पुण्यात्माओं के दाने झथ में पत्र देना, बचवाना, Aiत म भजन और पापामारी के वार्य हाथ में मन को दुन, नरक में भजना,