पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/६१८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
  • दद

अखIश ? एक नीचे का पदार्थ प्रकाशित है दूसरे से लेकर सब में अन्धकार रहना चाहिये ऐसा ह दीखता इसलिये यह बात खऋथा सिया है ॥ १४७ ॥ १४६-यह कि मसजिद वास्ते अल्लाह के हैं बख संत पुकारो साथ अवाद | के किसी को ॥ में ० ७ 1 सि० 31 २९ । सूसू° ७२ } आr० १८ ॥ समीक्ष क-यदि यइ बात सत्य है तो मुसलमान लोग ‘लाइलाह इल्जरता: : इमसूलाt इत्र वालमे में खुद के खाथी मुहम्मद साव को क्यों पुकारते हैं' यद बात कुरान व विरुद्ध है और जो विरुद्ध नहीं करने तो इस कुरान की बात को झूठ करते हैं । जब मसजिद खुदा के घर हैं तो मुसलमान महावुरुपर स्व हुए क्योंकि जैसे पुरानी, नी छोटांसी मूर्ति को ईश्वर का घर मानने से बुरपरस्त ठहरव हैं या | ये लोग क्यों नहीं ? At १४ ८ ॥

१४९-इक्ट्ठा किया जावेगा सूर्य और चांद ॥ म०७५०२ 1 सू०७५1 अ०५। समीक्षक-भला सूयय चांद कभी इकट्ठ हो सकते हैं ? दालय यह कितना थ- सचम की बात है छोर सूर्य बन्द्र ही के इकट्ठे करने में क्या प्रयोजन था अन्य अब तकों को इकटू न करने में क्या युक्कि है ऐसी २ आ खम्भव वाले परमेश्वरकृत कल सों हो सकती हैं १ विना विद्वानों के अन्य किसी विद्वान् को भी नहीं होती १४९ ॥ १५० -और फिरेंगे ऊपर उनके लइके खदा रहनेवाल जत्र देखेगा त् उनको अदास करेगा तू उनको मोतो िए ॥ और पइनाये जायेंगे और चांदी के और पितावेगा उन हो रच ड क ो शव पवित्र I1 में ० ७ । खि - २९ । सू९ ७६ । प्र० १९ । २१ it आ समक्ष व-इयोंजो मोती के वर्षों से लड़के किसलिये वहां रक्खे जाते हैं ? क्या जवान लोग से त्रा वा को न इन को न नहीं कर सकीं १ क्या आश्चर्य है कि जो यह महा बुरा कमें लल ड़कों के साथ दुष्टजन करते हैं उसका मूल यह कुरान का वयस हो ! और वइिश्त में स्वामो बे व भाब होने स्वासो को आनंद सेवक को परिश्रम होने से दुःख तथा पक्षपात क्यों है १ छर जब खुदा ही सर जावेगा तो वइ भी उनका क्षेत्र व रेगा फिर खुदा की बड़ाई क्योंकर रह - केगों १ और वो बहित में भी पुरूष का समागम और मैस्थित और लड़व भी ा यदि तहत होते तो उनका विपय सेवन करना व्यर्थ हृ ा मार होते हैं नहीं ? जो होते हैं तो वे जीव कहां से आये ? और विना की सेवा वहिश्त खुदा के में