पृष्ठ:सत्यार्थ प्रकाश.pdf/६२०

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स्वत्याeकाशः 1 १९४-खम है अवमान बुर्जी वाले की ।किन्तु वह कुरन है बड़ा दांव लौह समझफूज ( रक्षा ) के ॥ सं० ७ । जि०३० । सू० ८५ । आ० १ से २१ ॥ ससीक्षक-इस छुराल के बनानेवाले ने भूगोल खगोल कुछ भी नहीं पड़ा था । नहीं तो आकाश को किले के समान बुर्जी वाला क्यों कहता १ यदि भेषादि राशिों को बुके कहता है तो अन्य बुर्ज क्यों नहीं ? इलिये ये बुर्ज नहीं हैं किन्तु सब तारे लोक हैं । । क्या वह कुर न खुदा के पास है १ यदि यह कुरान उस का किया है तो वह भी विद्या प्रौर युक्ति के विरुद्ध अविद्या से अधिक भरा होगा ॥ १५४ ॥ १५५-निश्चय वे मकर करते हैं एक मकर ॥ और में भी मकर करता हूं एक मकर 7 में ० ७ से सि० ३० । स्० ८६ । आ० १५ से १६ ॥ समीक्ष-म कर कहते हैं ठगपन को क्या खुदा भी ठग है १ और क्या चोरी का जवाब चेरी और आठ का जबाब झूठ है १ क्या कोई चोर भले आदमी के घर में चरी करे तो कr भले आदमी को चाहिये कि उइके घर में जाके चोरी करे१ व। याहूजी !! कुरान के बनानेवाले !॥ १५५ !॥ १५६ पर जब आवेग मालित तेरा और फरिश्ते पंक्ति बांध के ॥ और लाया । ज़।वे गा उस दिन दोजख को 11 म० ७ । सि० ३० में सू ० ८९ + आ० २१ 1 २१ !। समीक्ष-हो जी जैसे कोटल जो सेनाध्यक्ष अपनी सेना को लेकर पार्टी गांध फिर करे वें न ही इनका खुद है १ क्या दोजख को ध दासा समझा है कि जि तो उठत के जा चाहे वहां ले ज।वे यदि इतना छोटा है तो आय संस्य कैदी उस में के स मह व कम } १९६ ! १५७ •प क ा या द(म्ते उनके पैगम्षर 8 दा के ने रक्षा को ऊंटनी ा St 8 के में 7 ईथन नशे में न तो सके ों में बस मुहैया डच को व पांव कट उप- E 16 से गरी (गो ऊपर न5 रन उनके में 11 में ० ७ 1 ट्रि ० ३० । सू० ११ । "दा ५ ३ } | 306--थेन झा भी टम पर चद्र के वैज क्रिया करता है ?न वो किंतु E 1 से 5 , . ‘टी 1 ‘? निगम तो उनपर मरी रोग व उr ? ! 57 ई 4f Ak t ५६ f ११८ ' यt कि 47tत t tव में न्याय और डेव rढ़ का . ए - ? द4 के आ भान इा | ५१३थीं * ट3 िव यk ई 5 अरब