पृष्ठ:समर यात्रा.djvu/२१

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काऩूनी कुमार
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मुझसे यह बरदाश्त नहीं हो सकता। अमेरिका में एक कटु वचन कहने पर संबन्ध-विच्छेद हो जाता है। पुरुष ज़रा देर से घर आया और स्त्री ने तलाक दिया। वह स्वाधीनता का देश है, वहां लोगों के विचार स्वाधीन हैं। यह गुलामों का देश है, यहाँ हर एक बात में उसी गुलामी की छाप है। मैं अब डाक्टर बोस के साथ नहीं रह सकती। नाकों दम आ गया। इसका उत्तरदायित्व उन्हीं लोगों पर है, जो समाज के नेता और व्यवस्थापक बनते हैं।अगर आप चाहते हैं कि स्त्रियों को गुलाम बनाकर स्वाधीन हो जायँ, तो यह अनहोनी बात है। जब तक तलाक़ का क़ानून न जारी होगा आपका स्वराज्य आकाश-कुसुम ही रहेगा। डाक्टर बोस को आप जानते हैं, धर्म में उनकी कितनी श्रद्धा है। ख़ब्त कहिए। मुझे धर्म के नाम से घृणा है। इसी जम ने स्त्री-जाति को पुरुष की दासी बना दिया है। मेरा बस चले, तो मैं सारे धर्म की पोथियों को उठाकर परनाले में फेंक दूंँ।

(मिसेज़ ऐयर का प्रवेश। गोरा रंग, ऊँचा कद, ऊँचा गाउन, गोल हाड़ी की-सी टोपी, आँखों पर ऐनक, चेहरे पर पाउडर, गालों और ओठों पर सुखें पेंट, रेशमो जुर्राबें और ऊँची एड़ी के जूते ।)

कानूनी---( हाथ बढ़ाकर ) हल्लो मिसेज़ ऐयर! आप खूब आई, कहिए किधर की सैर हो रही है ? 'आलोक' में अबको आपका लेख अत्यन्त सुन्दर था, मैं तो पढ़कर दंग रह गया।

मिसेज़ ऐयर---(मिसेज़ बोस की ओर मुसकिराकर ) दंग ही तो रह गये,या कुछ किया भी ? हम स्त्रियाँ अपना कलेजा निकालकर रख दें; लेकिन पुरुषों का दिल न पसीजेगा।

मिसेज़ बोस---सत्य ! बिलकुल सत्य ।

ऐयर---मगर इस पुरुष-राज का बहुत जल्द अन्त हुआ जाता है। स्त्रिया अब कैद में नहीं रह सकती। मि० ऐयर की सूरत मैं नहीं देखना चाहती।

(मिसेज़ बोस मुँह फेर लेती हैं )

क़ानूनी ( मुसकिराकर) मि० ऐयर तो खूबसूरत आदमी हैं।

लेडी ऐयर---उनकी सूरत उन्हें मुबारक रहे। मैं खूबसूरत पराधीनता