पृष्ठ:सम्पत्ति-शास्त्र.pdf/१३

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भूमिका।

नंबर A नाम | भापा | लेखक १ | प्रिंसिपल्स अच पोलिटिकल इकाममा अंगरेजी जान स्टुअर्ट मिले २ ]प्रिंसिपल्स अचू इकनॉमिक्स ... ' । । ए० मार्शल । ३ | पोलिटिकल इकोनमी ... ... ,, | एफ़ ए० घाकर ४ | गोलिटिकल इकान मी फार विगिनर्स , , एम० जी० फ़ासेट ( स्त्री } ५ | लई रेविन्यु पालिसी अ६ गर्नमेंट ' , गवर्नमेंट आय इंडिया ६ इन्डस्ट्रियल इंडिया ... ...! , जी वारलो ७ | इकनाभिक हिस्ट्री प्रचब्रिटिश इंडिया ) | आर० सी० दत्त । | इंडिया इन दि विकोरियन ए ... । । । । । | इसे अइन इंद्वियन इकनामिल ...। | महादेव गोविन्द रानडे १० |धनचिन ... ... ... बँगला ! श्रीगिरीन्द्रकुमार सेन ११ वाणिज्य ... । १२ | इल्मुलइसाद उर्दू व महम्मद इक़बाले १३ | कोमियाय-दौलत | : मौलवी मम्मद जकाउल्ला {৮ | মহল্প मराठी चिठ्ठल लक्ष्मण कघटेकर ६५ | अर्थशास्त्राची मूलत ... , ' गरी जनार्दन आगों | अर्थशासनी बातों ... मुजराती मदनभाई ललुभाई मुसिफ १७ अर्थशास्त्र ... ... , * अंबालाल साकरलाल देसाई इसके सिवा, अनैक समाचार-पत्र मार मासिक पुस्तके में, समय समय पर, सम्पत्तिशास्त्रविषयक जो लेख निंफले हैं और हमारे देखने में आये हैं उन से भी हमने सहायता ली है। व्यापार आदि से सम्बन्ध रखने वाली गवर्नमेंट की कितनी हों रिपोट से भी हमने सामग्री एकत्र की हैं। यद्यपि हमने पूर्वोक्त पुस्तकों और समाचारपत्रादिकां का मन्थन करके यह पुस्तक लिस्री है, तथापि इसमें जिन बातों का विचार हमने किया है। और जो सिद्धान्त हमने निकले हैं उनकी जिम्मेदारी सर्वथा हमारे ही ऊपर है । फ्याकि हमने और ग्रन्थकारों को सिर्फ वही वाते ग्रहण की हैं जिन्हें हमने निर्धान्त समझा है, अधधा जो इस देश की साम्यत्तिक अवस्था पर. घटित हो सकती हैं। हिन्दुस्तान की स्थिति बहुत विचित्र है। उसकी साम्मतिक अवस्था में कई तरह का अनोखापन है। पाश्चात्य सम्पतिशास्त्र के कितनेही नियम