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माल के मूल्य का विनिमय।

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होगा ता हुंडी विकैहोगी नहीं। इस उदाहरण में विनिमय इंगलैंड के प्रति फूल होगा । अर्थात् चिनिमय का निर्वं फी रुपया १६ पेन्स से ऊपर चढ़ जायगा । याद रहे, ऊपर, एक जगह, रुपये की हुम १६ पैन्स के बराबर बता चुके हैं । अत्त्व थदि इगलंड से हिन्दुस्तान के अधिक माल आता ग्रार हिन्दुस्तान से इँगलंड का कम जाता ते इंगलंड का पाना हिन्दुस्तान के पल्लै रहला । इस दशा में हिन्दुस्तान पर की गई धिलायती हुंडी का निर्ण गिर जाता । क्योंकि हिन्दुस्तान के ईंगलंड पर जितने की मुंडियां ज़रीदनी पड़तीं, इंगलैंड के हिन्दुस्तान पर तदपेक्षा कमकी श्रीदनी पड़ती । यहाँ पर यह बात न भूलनी चाहिए कि प्रत्येक देश के प्रदह रुपये के द्वारा ही उस देश का प्राप्य रुपया चुलता हो जाता है । इंगलड कैं। यदि १०० पैड हिन्दु स्तन भैजना है। और इतना ही हिन्दुस्तान से पाना है तो उसे हिन्दुस्तान का कुछ भी न भेजना पड़ेगा | मुंडों द्वारा ईंगल ही में इस लेन देन का भुगतान हो जायगा । परन्तु यदि हिन्दुस्तान से पाना अधिक होगा और वेनी कम ता हिन्दुस्तान पर की गई १०० पैड, अर्थात् १५०० रुपये की हुंडी, गॐद्ध मैं १००-चैड़ से कुछ कम को चिफेगी। इससे यह सूचित हुआ कि जब इंगलैंड में हिन्दुस्तान पर की गई कुंडी चढे भाव खरीद की जायेगी तब हिन्दुस्तान में इंगलैंड पर की गई कुंडी बझा काट कर ली जायगी । इसी तरह जब इंगलैंड में हिन्दुस्तान पर की गई हुडी बट्टा काट कर ख़रीद की जायगी या निकैगी तव हिन्दुस्तान में इंगलैंड पर की गई डैडी चढ़े दाम विकेश ! | हुँ खरीद करके मूल्य भेजने का खर्च जब सेना या चाँदो भेजने के मर्च के बराबर होता है तब उसे अँगरेजी में मरूपसी पॉईट" (Specie Point ) कहते हैं। हुंडी द्वारा जिस देश कै रुपया भैजना है उस देश पर की गई हुंथियों फा भाव चढ़ जाने पर एक और तरकीब से यदि रुपयों भेजा जाय ता वर्च कम पड़ता है। इस अभीए-सिद्धि के लिए एक और देश की मध्यस्थ बनाना पड़ता हैं। जिस देश को रुपया भेजना है उसके मैर किसी दूसरे देश के दरमियान याद विनिमय का निर्व उस दूसरे देश के अनुकूल है तो उसे बीच में डाल कर हुड़ी करने से पूर्व कम पड़ता है। इस तरकोल के अँगरेज़ी में रविटेशन आद् यक्सचेंज (Arbitration of Exchange) कहते हैं।