पृष्ठ:सम्पत्ति-शास्त्र.pdf/३७५

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| सम्पत्ति-शास्त्र । ज़रूर कम हो जाता है। क्योंकि माल महँगा होने से कुछ लोग, गरीबी के कारगए, उसे नहीं ले सकते। इस दशा में यात माल पर लगाये गये कर का सच नहीं हैं। कुछ वेझ अन्य देश पर भी पड़ता है। अर्थात वह दोन देशे में बँट जाता है। मान लीजिए कि विलायत से हिन्दुस्तान में कपड़ा आता है और उसके बदले यहां से अनाज़ जाता है। चिलायती कपड़े पर हमने कर लगा दिया। इस दशा में इंगलैंड को कपड़े के बदले मिलने चाली रक़म पहले ही की इतनी मिलेगी, पर गलैंड से करके वरवर रक़म हिन्दुस्तान को अधिक मिलेगी । कर के कारण विलायती कपड़ा पहले की अपेक्षा कुछ महँगा है। जायगा । इसमें उसका खप थोड़ा बहुत जरूर कम होगा । खप कम देने से कपड़े के वदले जो रकम हर साल इँ गलैंड को हिन्दुस्तान से मिलती थी चह भी कम हो जाय। अब मान लीजिए कि इंग्लंड में जितना अनाज खपत है उतना हिन्दुस्तान से बरावर जाता है। उसमें कृमी नहीं हुई । अतएव उस अनाज के बदले जो रक़म हिन्दुस्तान को इंग्लंड से मिलती है। मह बराबर मिलता रहे। पहले अनाज के बदले जो क़म ईंगलंड की देनी पड़तो थी वह कपड़े के बदले की रक़म से पट जाती थी। अब चद्द धरत न हेगी । अनाज की क्लामत कपड़े की क़ीमत से न पटेगी । हिन्दुस्तान में जितने का माल जायग्ण उतने का माल इगलॅड से न आयेगा । उससे कम फा पायेगा । अर्थात् कुछ रक़म ६ गलैंड से हिन्दुस्तान को नफ़द मिलेगी । यह म यदि बराबर मिल जायगी तो हिन्दुस्तान में झपया अधिक है। जायगा। इस कारण व्यवहारोपयेाग चीजें पहले की अपेक्षा भहंगा बिकने लगेगी । उधर गल में रुपये की तंगी है, याकि उसे बहुत सा रुपया हिन्दुस्तान को नक़द भेजना पड़ेगा। इससे वहां व्यवहारापागी चीजें सस्ती हैं। जायँग । हिन्दुस्तान में अनाज महँगो बिकेगा ! ६ लंड में कपड़ा सस्ता है । अर्धातु हमारे अनाज के चद् ॐ हैं, गलैंड पहले की अपेक्षा अधिक क़ीमत देगाइमें अधिक कपड़ा मिलेगा और सस्ता मिलेगा । इससे नि: है कि किसी किसी स्थिति में अथात माल पर कर लगाने से उस कर का सारा बाझ अपने ही देश पर न पड़ कर अन्य देश पर जी पड़ता है। अपने ही देश के आदमियों पर कर लगाकर अमदनी बढ़ाने की अपेक्षा, अबस्था- चित्र में, आयात माल पर कर लगाने से अपने देश को