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मेहनत ।


याले, प्रफ़ संशोधन करनेवाले सब अलग अलग हैं। इससे समय की भी बचत होती है और काम भी अच्छा होता है।

श्रम-विमाग सं यह भी लाभ है कि एकही काम करते रहने से आदमी उस काम में खूब होशियार हो जाता है । उसका हाथ बटुत जल चलता है और काम बहुत साफ़ होता है । उसे उसकी सारी बारीकियां मालूम हो जाती हैं। दिन भर एकहो काम में लगे रहने से उसके मन और हाथ को क्रियाशं का उसमै तादाम्य हो जाता है। उसको झानेन्द्रियां और काम- न्द्रियाँ तदाकार होकर उस काम में लीन सी हो जाती हैं यहां तक कि शानेन्द्रियों से विशेष सहायता लिये बिनाही उसकी कम्म न्द्रियाँ सब काम " कर डालती हैं। धीर धोरे आदमा यहां तक सिद्धहस्त हो जाता है कि काम करते वक्त यदि वह अपनी आँखें एक प्राध दर्फ बन्द भी कर लें तो काम नहीं बिगड़ता।

हमंशा एक हो काम करते रहने से नये नये आविष्कारों केन्नई नई युक्तियों के निकलने की बहुत सम्भावना रहती है। जो जिस काम को रोज़ करता है वह यह चाहता है कि किसी तरह मुझे कम मेहनत पड़े पार काम भी पहले से अच्छा हो । अतएव वह इस बात का सोचता रहता है। सोचते सोचते वह कोई पेसो युक्ति निकाल लेता है-कोई पसी कल ईजाद कर लेता है कि उसको मेहनत बहुत कम हो जाती है और काम भी उसका पहले से विशेष अच्छा होने लगता है । कितनेहीं कारीगर ऐसे हो गये है जिन्होंने एक ही काम हमेशा करते करते उसे जल्द पार विमा अधिक परिश्रम के करने की युक्तियां रद निकाली हैं और फलों में कितनेहीं लाभ- दायक सुधार कर दिये हैं।

श्रम विभाग से एक और फ़ायदा है कि जो आदमी, या जो मज़दूर, जिस काम को खूब अच्छी तरह कर सकता है वह उसी काम में लगाया जा सकता है । अर्थात् हर आदमी को अपनी अपनी योग्यता के अनुसार काम मिलता है । यह नहीं कि आठ आने की मजदूरी करनेघाले को लाचार होकर चार पाने रोज़ को मजदूरी करनेवालों के साथ काम करना पड़े । श्रम-विभाग से मजदूरों के जुदा जुदा वर्ग बनाये जा सकते हैं और अपने अपने वर्ग को योग्यता के अनुसार उन्ह मजदूरी दी जा सकती है। ऐसा न