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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


इन चीजोंको खरीदते समय इस बातका ध्यान रखना चाहिए कि बढ़िया सामान कमसे-कम दामोंपर खरीदा जाये और खरीदी हुई चीजें काममें आनेवाली हों . . . । बम्बईमें कई दुकानें है। कुछ भारतीय दुकानें बहुत अच्छी हैं। आप देखेंगे कि अंग्रेजी दुकानोंमें दाम बहुत ज्यादा है। जब भी सम्भव हो, किसी अनुभवी व्यक्तिको सामान खरीदनेका काम सौंपना ही अच्छा रहता है।

उपर्युक्त सूचीके विषयमें एकाध बात यहाँ बताना शायद निरर्थक नहीं होगा। सूचीमें दो ट्रंक लेनेको कहा गया है और दोनोंके दाम दिये गये हैं सोलह रुपये। प्रत्येक ट्रंक २६x१२[१] हो सकता है। सामान्यतः लोग एक लोहेका ट्रंक और एक चमड़े-का बैग खरीदते हैं। स्टीलके एक अच्छे ट्रंकके दाम होंगे २५ रुपये और चमड़ेके बैग, ग्लैड्स्टन बैग, के दाम भी इतने ही होंगे। इतने पैसे खर्च करना जरूरी नहीं है। १२ रुपयेमें एक अच्छा ट्रंक खरीद सकते हैं। सोलह रुपये लिखते समय मेरे ध्यानमें लोहेके देसी ट्रंक हैं जो स्टीलसे ज्यादा नहीं तो उसके बराबर ही मजबूत होते है। उससे देशी उद्योगको प्रोत्साहन मिलेगा और खरीदनेवालेको कुछ रुपयोंकी बचत होगी। यदि देसी ट्रंक ठीक न जॅचे या न मिल सके तो लकड़ीके बक्से या नकली स्टीलके ट्रंक खरीदे जा सकते हैं। ऐसे एक ट्रकके दाम पाँच रुपयेसे ज्यादा नहीं हैं। ट्रंक कितना बड़ा हो उस विषयमें पी° ऐंड ओ°[२] के नियम यों हैं:

केबिनमें ले जानेके लिए कोई भी ट्रंक ३ फुटसे ज्यादा लम्बा नहीं होना चाहिए। उसकी चौड़ाई १ फुट ९ इंच और ऊँचाई १ फुट ३ इंचतक होनी चाहिए। इससे बड़ा कोई सन्दूक कैबिन या सैलून में नहीं ले जाने दिया जायेगा।

दूसरी चीजोंके दाम भी मैने कमसे-कम नहीं लगाये। उदाहरणके लिए मोजोंके एक जोड़ेके लिए मैंने आठ आने लगाये हैं, लेकिन एक अच्छा जोड़ा पाँच या छ: आने में खरीदा जा सकता है। यदि अच्छे गरम मोजे बम्बई में उपलब्ध न हों तो वे लन्दनमें खरीदे जा सकते हैं। क्योंकि छ: जोड़ोंसे जहाजमें काम चल जायेगा। उपर्युक्त सूचीमें मैंने जितने वस्त्र लिखे है, उतने लेनेसे सालभर तक लन्दनमें कपड़ोंपर खर्च करनेकी बिलकुल जरूरत नहीं पड़ेगी। कपड़ोंकी एक और सूची बादमें दी जायेगी। आवश्यक होनेपर वे चीजें लन्दनमें खरीदी जा सकती है। और फिर उतने कपड़े लन्दनमें तीन वर्षके प्रवासके लिए पर्याप्त होंगे।

मैने जान-बूझकर कई चीजें, जो सामान्यत: ऐसी सूचीमें दी जाती हैं, छोड़ दी हैं। उदाहरणके लिए तौलिया, साबुन आदि। ये चीजें जहाजमें मुफ्त मिल जाती हैं। विदेशी डाक टिकट जहाजमें खरीदे जा सकते हैं।

अब जहाजपर क्या पहनना चाहिए? शुरूमें जाकिट सूट पहनना ही ठीक है। जरूरी नहीं कि उसके नीचे बनियान या जाँघिया पहना जाये । ठण्ड होनेपर उनका उपयोग शुरू करना चाहिए। बहुतसे कपड़े लाद लेना कभी उपयोगी नहीं होता। मेरी ऐसे कई व्यक्तियोंसे मुलाकात हुई, जिन्हें ज्यादा कपड़े पहनने के कारण हानि हुई

 
  1. स्पष्टतः श्च।
  2. पेनिन्सुलर ऐंड ओरिएंटल स्टीमशिप कम्पनी।