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लन्दन-संदर्शिका

वह कपड़ोंको बहुत लापरवाहीसे इस्तेमाल करनेवाला व्यक्ति हो तो बात अलग है। इंग्लैंड जाकर कोई व्यक्ति लापरवाह बना रहे या वहाँ जाकर लापरवाह बन जाये तो यही कहना चाहिए कि उसका इंग्लैंड न जाना ही अच्छा । दोनों सूचियोंमें जितने कपड़े बताये गये हैं, सामान्य रूपसे सावधान किसी भी व्यक्तिको मोटे तौरपर तीन सालतक उनसे ज्यादा कपड़ोंकी जरूरत नहीं पड़ेगी।

इसके बाद जो काम करना पड़ता है वह है टिकट खरीदना। इसे खरीदनेसे पहले तीन बातोंका ध्यान रखना पड़ता है।

१. किस महीने यात्रा शुरू करें।

२. सारी यात्रा समुद्रके रास्तेसे तय करें या ब्रिडिसीके रास्तेसे।

३. पी० ऐंड ओ० के जहाजसे जायें या किसी दूसरी कम्पनीके जहाजसे।

जहाँतक पहले प्रश्नकी बात है, यात्रा किसी भी महीने शुरू कर सकते हैं;पर कुल मिलाकर मार्चके मध्यका मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। इससे इंग्लैंड-की कड़ी सर्दीसे तो तत्काल बचत हो ही जाती है। ठण्ड ज्यादा बढ़नेसे पहले अप्रैलसे लेकर सितम्बरतक छ: महीने बहुत बढ़िया रहते हैं। अप्रैलमें बसन्तकी पूरी बहार होती है और सितम्बरमें शरद ऋतुका आगमन । अंग्रेजी शीतकालका अनुभव होनेसे- पहले आगन्तुक व्यक्ति अंग्रेजी रहन-सहनसे परिचित और अभ्यस्त हो चुका होगा। इस तरह वह ठण्डको ज्यादा मजेसे बर्दाश्त कर सकेगा। मार्चमें यहाँसे रवाना होनेपर लाल सागर सबसे ज्यादा शान्त होता है। किन्तु लाल सागरका शान्तसे- शान्त मौसम भी बड़ा कष्टप्रद होता है। यद्यपि गर्मीके दिनोंमें लाल सागरमें सिर्फ तीन ही दिन बिताने होते हैं पर वे भी असह्य होते हैं। गर्मीसे दम घुटता है। कितना भी पंखा चलायें या बर्फका उपयोग करें, गर्मी कम नहीं होती। हर वक्त पसीनेमें डूबे रहते हैं। सारा ही समुद्र मार्च में जितना शान्त रहता है, उतना अन्य किसी समय नहीं रहता।

इसके बाद जानेका ठीक समय सितम्बर या अक्तूबर है। हां, उस वक्त जानेका मतलब यह तो होगा ही कि वहाँ पहुँचते ही आपको जाड़ा झेलना पड़ेगा। यदि आप बैरिस्टर बनना चाहते हैं तो तसल्लीकी बात यह है कि किसी और समय रवाना होनेके बदले इस समय जानेसे आप तीन महीने जल्दी लौट सकेंगे। 'भावी बैरिस्टर' से सम्बन्धित अध्यायमें इस विषयमें अधिक ब्योरेसे चर्चा की जायेगी।

किस मौसममें जाना है, यह तय कर लेनेके बाद यह विचार करना चाहिए कि बिलकुल समुद्रके रास्तेसे जाना ठीक रहेगा या ब्रिडिसीके रास्तेसे । पी० ऐंड ओ० के जहाज द्वारा लन्दन पहुँचने में लगभग २२ दिन लगते हैं, ब्रिडिसी पहुँचने में तेरह दिन--वहाँसे लन्दनतक रेल द्वारा दो दिन लगते हैं। ऐसा लगता है कि पूरे तौरपर समुद्री यात्रासे रास्ता तय करना ही ज्यादा ठीक है। ऐसा करनेसे सामान हटाने, उसका निरीक्षण करवाने आदि असुविधाओंसे बच जाते हैं और पी० ऐंड ओ० के जहाजोंपर मिलनेवाले आरामका मजा भी ज्यादा देरतक लेनेको मिल जाता है।

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