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लन्दन-संदर्शिका

मांस आदिके विरुद्ध आपत्ति नहीं है उनके लिए यहाँ विशेष कुछ कहनेकी आवश्यकता नहीं, सिवा इसके कि साधारणतः मनुष्य जिस किसी पदार्थकी इच्छा कर सकता है वे सब जहाजपर मिल जाते है। भोजनके विषयमें कम्पनीके विरुद्ध यदि कोई शिकायत की जा सकती है तो यही कि वहाँ यात्रियोंको जरूरतसे ज्यादा खिलाया जाता है। सुबहसे लेकर शामतक, रातके ग्यारह बजेतक थोड़ी-थोड़ी देरके बाद खानेको कुछ मिलता रहता है। सुबह ६ या सात बजे बिस्कुटके साथ चाय या काफी मिलती है। ८-३० बजे नाश्ता मिलता है, जिसमें जईका दलिया, मुरब्बा,मार्मलेड, डबलरोटी, मक्खन, सलाद, गोश्त और आलू जितना चाहें, खा लें। एक बजे भोजनमें गोश्त, आलू और गोभी, मिष्टान्न, डबलरोटी, मक्खन आदि मिलता है। सप्ताहमें दो बार फल और मेवे भी साथ दिये जाते है। दोपहर चार बजे चाय और बिस्कुट ले सकते है । छ: बजे फिर बढ़िया खाना जिसमें सलाद, पनीर, डबलरोटी,मक्खन, मुरब्बा, मार्मलेड, चाय, कोको आदि दिये जाते है। और रही-सही कसर पूरी करनेके लिए सोनेसे पूर्व यदि भूख लगे तो बिस्कुट और पनीरसे भूख मिटाई जा सकती है। किसी भारतीयको तो यह सब विचित्र और पेटूपन लगेगा। कोई भी शाकाहारी उपर्युक्त बातोंसे देख सकता है कि स्टीमरमें उसके खाने लायक बहुत- सी चीजें मिलती हैं। हो सकता है कि यदि कोई भारतीय अंग्रेजी भोजनका आदी न हो तो उसे ये चीजें कुछ समय बाद ही अच्छी लगें। कुछ समय बाद उसे मालूम होगा कि खाने में ये चीजें बहुत अच्छी है और पौष्टिक है। सावधानीके तौरपर थोड़े ताजे फल और जलेबी, हलवा आदि मिठाइयाँ, गाँठिया आदि कुछ नमकीन' अपने पास रख लेना चाहिए। इनके साथ कभी-कभी अंग्रेजी खाना खा लेनेसे काम चल जायेगा। ध्यान रहे कि अंग्रेजी भोजनकी चीजें धीरे-धीरे बढ़ाते जायें और देशी चीजें कम कर दें। क्रमश: ऐसा करते रहनेसे भोजन बदल जानेका आभास भी नहीं होगा और स्वास्थ्यको भी कोई हानि नहीं होगी। शाकाहारीको जहाजपर ये चीजें मिल सकती है : डबलरोटी, मक्खन, दूध, फल, मेवे, मुरब्बा, मार्मलेड, चावल, पनीर, आलू, गोभी, सलाद, केक, चाय, काफी, बिस्कुट, दलिया। खानेकी इतनी सारी चीजें सचमुच काफी है। और हर बार भोजनके लिए नई चीजोंको मिलाया जा सकता है। दलिया, रोटी, मक्खन, कोको या अच्छी लगती हो तो चाय, इनसे बढ़कर पौष्टिक कोई चीज नहीं हो सकती। भोजनके लिए आप पहले डबलरोटी, मक्खन और सब्जी ले सकते हैं, दूसरी बार चावल, दूध और मुरब्बा और तीसरी बार कुछ फल, या डबलरोटी और पनीर ले सकते हैं। डबलरोटी, मक्खन, कोको और मुरब्बा और सलाद या पनीर या दोनों ही लेनेसे शामके भोजनका काम बढ़िया चल जाता है। यदि ये पर्याप्त न हों तो शाकाहारियोंके लिए विशेष प्रबन्ध किया जाता है। जहाजके मुख्य परिचारकको सूचित कर देना चाहिए और उससे कुछ शाकाहारी भोजनकी व्यवस्था करवानेका अनुरोध करना चाहिए। वह आपकी इच्छाके अनुकूल रसदार सब्जी, ताजे फल, पकाये हुए फल, ब्राउन रोटीका प्रबन्ध कर देगा। इससे ज्यादाकी इच्छा करना आवश्यक भी नहीं है। लेखकने जहाजपर अपना काम कैसे चलाया इसके