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लन्दन-संदर्शिका

कि जबतक स्थायी स्थान नहीं मिलता तभी तकके लिए रहनेका यह प्रबन्ध है, सो इसके बाद आपको रहने के लिए एक अच्छे और उपयुक्त कमरेकी तलाश करते रहनी है। यह काम किसी एक ऐसे मित्रके साथ किया जा सकता है जिसे आप जानते हों या जिसके नाम आपको परिचयपत्र दिया गया हो।

अध्याय ३

रहनका खर्च

यही प्रश्न उलझनमें डालनेवाला है। इसी प्रश्नको उठानेका सबसे ज्यादा लोभ होता है, लेकिन यह उतना ही अरुचिकर भी है। इस प्रश्नको गम्भीरतापूर्वक उठायें तो प्रत्येक व्यक्तिसे मतभेद होगा। प्रत्येक व्यक्ति अपना अनुमान बतायेगा, हर व्यक्तिका यही विचार होगा कि किसी दूसरेका अनुमान सही नहीं हो सकता और सही हो तो भी प्रत्येक व्यक्तिके लिए तदनुसार खर्च करना सम्भव नहीं हो सकता। और सामान्य स्थितिके व्यक्तिके लिए तो यही प्रश्न विशेष रूपसे महत्त्वका है। विचित्र बात तो यह है कि यद्यपि सब इस प्रश्नको अत्यन्त महत्त्वपूर्ण मानते हैं,फिर भी इंग्लैंड जानेके इच्छुक भारतीयके सामने जो आम प्रश्न उठते हैं उनमें से जितनी कम जानकारी इसके बारेमें मिलती है उतनी और किसी प्रश्नके सम्बन्धमें नहीं। फिर यह भी सही है कि साधारणतः हर मास १० से २० पौंडतक खर्चका अनुमान बताया जाता है। प्रति मास १० पौंडमें निर्वाह करनेवाला बहुत ही मितव्ययी माना जाता है। ऐसे अनुमानोंके रहते यह कहें कि महीने में ४ पौंड या सप्ताहमें १ पौंड में मजेसे काम चल सकता है तो शायद कोई विश्वास नहीं करेगा। फिर भी इस विषयमें कोई सन्देह नहीं है कि प्रति सप्ताह एक पौंडमें निर्वाह हो सकता है और यह तत्काल प्रमाणित किया जा सकता है कि कई लोगोंने तो इससे कममें भी काम चलाया है। मैं कहना चाहता हूँ कि मैंने स्वयं यह प्रयोग सफलतापूर्वक करके देखा है और चार पौंडसे कम खर्च में निर्वाह करते हुए मुझे जो आनन्द मिलता था वैसा और कमी नहीं मिला। जिस समय मेरा खर्च चार पौंड था, उस समय मुझे बहुत ज्यादा काम करना पड़ता था। पाठक देखेंगे कि १२ पौंड प्रतिमासके खर्चको मैं धीरे-धीरे कम करके ४ पौंडतक कैसे ले आया (परिशिष्ट क)।

सबसे पहले तो मकानका किराया लें। सामान्यतः यह माना जाता है कि विद्यार्थी-को दो कमरे लेने चाहिए, एक सोनेके लिए, एक बैठकके लिए। सिवा इसके कि आप यह दिखाना चाहें कि आप बहुत धनी हैं और बहुत-सा धन खर्च कर सकते हैं यह बिलकुल निरर्थक है। यह संदर्शिका उन लोगोंके लिए नहीं है, जो अपने धनका प्रदर्शन और सो भी बहुधा झूठा प्रदर्शन करना चाहते हैं। यह पुस्तिका उन लोगोंके लिए है जो विद्यार्थीकी तरह नियमित जीवन बिताना चाहते हैं और जितना कम हो सके उतने कममें रहना चाहते हैं। कई व्यवसायी अविवाहित सज्जन सिर्फ एक ही कमरे में रहते हैं। कई भारतीय और हजारों अंग्रेज विद्यार्थी तो एक कमरेमें रहते ही