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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

डा० बेंजामिन वॉर्ड रिचर्डसन, एम० बी०, एल० आर० सी० एस०, आदि स्वयं शाकाहारी नहीं हैं, पर अपनी पुस्तक 'फूड फॉर मैन' में वे इस निष्कर्षपर पहुँचे हैं।

१. हालाँकि मनुष्यमें पूर्ण या आंशिक मांसाहारसे निर्वाह करने की क्षमता है, लेकिन जन्मतः उसके लिए अन्न और फलोंका भोजन ही ज्यादा अनुकूल पड़ता है और यदि वह प्राकृतिक भोजनका शास्त्रीय रीतिसे उपयोग करे,तो वह बिना किसी कठिनाईके अपने लिए सभी आवश्यक जरूरतें इसी सूत्रसे जुटा सकता है।

२. मनुष्य जितनी योग्यताके साथ वनस्पति-जगतसे भोजन जुटा सकता है, उतनी योग्यतासे अन्य कोई प्राणी नहीं जुटा सकता; पर अच्छी तरह समझ कर उसका ठीक ढंगसे उपयोग करना जरूरी है।

३. मनुष्यके लिए यथेष्ट और निर्दोष भोजन सीधा वनस्पति जगत-से ही प्राप्त किया जा सकता है।

४. बीमारी दोनों सूत्रोंसे आ सकती है। लेकिन उसका एकसे भी आना जरूरी नहीं है। दोनोंमें से एक भी साधनका दुरुपयोग करनेसे बीमारियाँ पैदा हो सकती हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं है और सावधानीसे व्यवस्था करनेपर एकसे भी बीमारी पैदा नहीं होगी।

फल और सब्जीके संतुलित आहारसे उतना ही शारीरिक और मानसिक बल प्राप्त हो सकता है जितना मांसाहारसे या मांस और शाकके मिश्रित आहारसे। उनका कथन यह भी है, "मैं स्वीकार करता हूँ कि शाकाहारी पद्धति माननेवालोंने कुछ बहुत अच्छे काम करके दिखाये हैं और अब भी कर रहे हैं।"

यदि एक विचारपूर्ण और सावधान डाक्टर स्वयं शाकाहारी न होनेपर भी इतना स्वीकार करते हैं, तो पाठक आसानीसे समझ सकते हैं कि शाकाहारी अपनी प्रणालीको कितना अच्छा मानते होंगे। उनका दावा है कि शारीरिक, दैहिक, आर्थिक और नैतिक दृष्टिसे शाकाहार माँसाहारसे बहुत श्रेष्ठ है।

इससे इतना तो पूर्णतया स्पष्ट हो गया होगा कि शाकाहार इंग्लैंडमें न केवल सम्भव है बल्कि सैकड़ों लोग वहाँ सचमुचमें शाकाहार करते भी हैं।

इसलिए जैसा ऊपर दिखाया गया है यदि उस तरह शाकाहार दूसरी बातोंमें मांसाहारसे कम न हो और वह मांसाहारसे सस्ता भी पड़ता हो तो मैं आशा करता हूँ कि कोई भी व्यक्ति, यदि उसने हर हालतमें शाकाहारका विरोध करनेकी न ठान ली हो तो, उसे अपनाने में संकोच नहीं करेगा।

सब्जीके सूपकी एक प्लेटके दाम ३ पेंस हैं और मांसके सूपके दाम ९ पेंससे १शि० ३ पेंस तक हैं। इसलिए अगर आप बहुत ही घटिया किस्मका मांस न लें तो मांसके दाम सब्जीकी अपेक्षा कमसे-कम तिगुने पड़ेंगे। यह याद रखना चाहिए कि सस्ते माँसमें शाकसे ज्यादा बीमारियोंके कीटाणु रहते हैं।