पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 1.pdf/१४२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१००
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सूखे कवची मेवोंमें हेजल [पिंगल फल], ब्रेजील नट, बादाम, शाहबलूतका फल आदि आते हैं।

उपर्युक्त विविध प्रकारकी खाद्य वस्तुएँ स्वादिष्ट भोजन प्रेमियोंको सन्तुष्ट करनेके लिए पर्याप्त है। और ९ शिलिंग खर्च करनेवाले की सामर्थ्य से बाहर नहीं है।

इंग्लैंडमें फल अत्यावश्यक माने जाते हैं। जो भी हो, शाकाहारी तो ऐसा ही मानते हैं। वे दवाइयोंको दूर रखनेका अचूक साधन हैं। उनसे खून शुद्ध होता है और पेट साफ रहता है; और चूंकि कब्ज कई बीमारियोंकी जड़ है इसलिए इस भयंकर व्याधिसे बचे रहने के लिए सावधानी बरतना सर्वोत्तम है। इसे दूर करनेका सबसे अच्छा तरीका यही है कि बिना छना गेहूँ का आटा और फल खूब खायें। साधारणतः इंग्लैडमें बहुत बारीक गेहूँका आटा मिलता है, उसका पूर्णतया परित्याग करें। वह बिलकुल भी पौष्टिक होता और जैसा कि अकसर होता है, मिलावट रहनेपर तो बहुधा वह हानिकर भी होता है। साथ ही वह एकदम फीका होता है। दूसरी ओर गेहूँका मोटा आटा खाने में बहुत मीठा होता है। इसलिए हमेशा गेहूँके मोटे आटेकी बनी ब्राउन ब्रेड खानी चाहिए और सफेद रोटीका एकदम त्याग कर देना चाहिए। कोई कह सकता है कि उपर्युक्त कथन ऐसे व्यक्तिके हैं जिसे रसायन शास्त्र या चिकित्सा शास्त्रका कुछ ज्ञान नहीं है, इसलिए ये कथन अप्रमाणित और निरर्थक हैं। पर ये कथन अप्रमाणित नहीं है। सिर्फ यहाँ उनके प्रमाण नहीं दिये गये है। शाकाहारी समिति द्वारा प्रकाशित अनेक पुस्तिकाएँ पढ़नेसे आपको मालूम हो जायेगा कि जो-कुछ ऊपर कहा गया है, वही सामान्यतः डाक्टरोंकी राय भी है। यहाँ मैं एक बार फिर स्पष्ट कर दूं कि इस संदशिकाका उद्देश्य दूसरी उपयोगी पुस्तकोंकी कमियाँ पूरी करके सारी जानकारी देना नहीं है। इसका उद्देश्य मात्र कुछ आवश्यक बातें बताकर उस जानकारीकी पूर्ति कर देना है जो अभीतक नहीं दी गई है। इसका उद्देश्य तो सिर्फ यह बताना है कि सही जानकारी कहाँ प्राप्त की जा सकती है।

तब हम मान लें, शाकाहारी सामग्रीमें से हमें तीन समयके लिए भोजन तय करना है। यह तीन बारका भोजन है : सुबह ८-३० बजे नाश्ता, दोपहर १ बजे खाना और शाम ६-३० बजेका खाना।

जईका दलिया नाश्तेके लिए बहुत बढ़िया रहता है, खासकर शीतकालमें । सर्दीके दिनोंमें प्रायः हर घरमें इसी दलियेका नाश्ता किया जाता है। स्काटलैंडके हजारों लोग जईका दलिया ही खाते हैं। उसका स्वाद गेहूँ जैसा होता है और उसमें मिठास ज्यादा होती है। उसे तैयार करना बहुत सरल है। एक औंस दलिया काफी पानी में मिलाकर स्टोवपर चढ़ा दें। यदि दलिया बारीक पिसा है तो २० मिनिटमें तैयार हो जायेगा। यदि मोटा पिसा है तो ३० मिनिट लगेंगे। उसे दूध और चीनी या पकाये हुए फलोंके साथ खा सकते हैं। फलको पानीमें थोड़ी चीनीके साथ पका लिया जाता है। दलिया पूर्णतया दूधमें या दूध और पानीमें पकाया जा सकता है। दूधमें पकानेसे वह ज्यादा स्वादिष्ठ होता है। ऐसे नाश्तेका खर्च यों होगा;