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लन्दन-संदर्शिका

वकील बननेसे पूर्व आपको बारह सत्र पूरे करने पड़ते हैं। वर्ष में चार सत्र होते हैं। पहला जनवरीमें, दूसरा अप्रैलमें, तीसरा जूनमें और चौथा नवम्बरमें। सबसे छोटा सत्र २० दिनका और सबसे बड़ा लगभग ३१ दिनका होता है।

सत्र पूरा करनेका अर्थ है कि आप जिस 'इन' से सम्बद्ध हों, वहाँ भोजनके लिए जायें। यह आवश्यक नहीं है कि आप वहाँ भोजन करें किन्तु आपको भोजन कक्षमें ठीक नियत समयपर जाना होगा और वहाँ एक घंटा बैठना होगा। एक सत्रमें छ: बार भोजनके लिए उपस्थित होनेपर माना जायेगा कि आपने एक सत्र पूरा किया। जो व्यक्ति किसी विश्वविद्यालयका विद्यार्थी है उसे भोजनके लिए केवल तीन बार जाना पड़ता है। वहाँ जाकर भोजन करें या न करें, उसके लिए पैसे देने ही पड़ते हैं। इनर टेम्पल में प्रत्येक भोजनके लिए ३३ शिलिंग लिए जाते हैं, मिडिल टेम्पलमें दो शिलिंग। इस तरह मिडिल टेम्पलमें दाखिला लेने से आप हर बार भोजन पर १३ शि० की बचत कर सकते हैं। और भोजनके लिए बारह बार जाना पड़ता है। शायद लिंकन्स इन और ग्रेस इनमें भी भोजनके लिए २ शिलिंग लिये जाते हैं।

कोई भी पूछ सकता है कि जब भोजनके लिए पैसे देते हैं और जब उसे कोई धार्मिक आपत्ति न हो तो वह वहाँ खाना क्यों न खाये? यह सवाल ठीक ही है। उत्तर यही है कि आपको खाना ही चाहिए, पर फिर यह सवाल उठ खड़ा होगा कि किसी शाकाहारीको क्या करना चाहिए। साधारणतः तो आप डबलरोटी, सब्जी और पनीर ले सकते हैं। परन्तु 'इन' के मुख्य परिचारकसे या आवश्यक हो तो 'इन' के उपकोषाध्यक्षसे निवेदन करनेपर आपके लिए खास तौरसे ज्यादा अच्छा शाका-हारी भोजन बना दिया जायेगा। मेरे एक पारसी मित्र शाकाहार करने लगे थे।वह और मैं इसी तरह अपने लिए खास तौरपर शाकाहारी भोजन बनवा लिया करते थे।

और ज्यादा अच्छा यही होगा कि हर भारतीय आग्रह करे ताकि भविष्य में हर 'इन' में नियमित रूपसे शाकाहारी भोजन बनाया जाये। इन बारह सत्रोंकी समाप्तिपर वकील बन सकें, इसके लिए दो परीक्षाएँ पास करनी पड़ती हैं। एक रोमन कानूनोंकी, दूसरी अंग्रेजी कानूनोंकी।

विद्यार्थी चार सत्र पूरा करने के बाद रोमन कानूनकी परीक्षामें बैठ सकता है, पर उससे पहले नहीं। इस तरह इंग्लैंड पहुँचने के बाद इस परीक्षाकी तैयारीके लिए विद्यार्थीके पास कमसे-कम एक वर्षका समय होता है। और इस परीक्षाके लिए इतना समय जरूरतसे ज्यादा है। इसलिए परीक्षा फल बहुत अच्छा रहता है। रोमन कानूनके लिए सांडर्सकी 'जस्टीनियन' पाठ्यपुस्तक है। फिर भी कई विद्यार्थी हंटरकी 'इन्ट्रोडक्शन टु रोमन लॉ' पढ़ते हैं।

दूसरी परीक्षा जिसे वकालतकी अन्तिम परीक्षा कहते हैं, विद्यार्थी नौ सत्र पूरे करनेपर बैठ सकता है, उससे पहले नहीं। इसका अर्थ हुआ, प्रवेश पाने से दो वर्षके बाद। इस परीक्षाके लिए भी इतना समय काफी ज्यादा है। यह परीक्षा