छोड़ता। इसलिए यही ज्यादा ठीक जान पड़ता है कि हम अपने लिए कोई परीक्षा सम्बन्धी कार्य नियत कर लें और निजी अध्ययनके लिए अपनी इच्छा-शक्तिपर ही निर्भर न रहें।
इस हालतमें यह कहना कठिन है कि किसी छात्रवृत्तिकी परीक्षामें बैठना ज्यादा अच्छा है या किसी विश्वविद्यालयमें भर्ती होना। छात्रवृत्तिके लिए परीक्षा देने में एक बुराई है। यह प्रतियोगिता एक-से लोगों के बीच नहीं रहती। उसमें बी० ए०, एम० ए० या विश्वविद्यालयके दूसरे लोग भी भाग ले सकते हैं। उनके मुकाबले बेचारा मैट्रिक पास विद्यार्थी छात्रवृत्ति कैसे पा सकता है ? जिन लोगोंने भारतमें बी० ए० की परीक्षा पास कर ली हो, उनके लिए छात्रवृत्तिको परीक्षामें बैठना ही सबसे अच्छा होगा। कई विद्यार्थी दोनों ही काम करते हैं। वे विश्वविद्यालयमें प्रवेश भी लेते हैं और छात्रवृत्तिको परीक्षाकी तैयारी भी करते हैं। मैट्रिक पास और दूसरे लोग यदि छात्रवृत्तिके लिए प्रयत्न करें तो उन्हें इस बातका सन्तोष होगा कि उन्होंने अपने ज्ञानमें वृद्धि की है और कुछ उपयोगी काम किया है। भले ही वे परीक्षामें सफल नहीं हुए; फिर भी शायद उनके लिए अच्छा यही होगा कि वे किसी एक विश्वविद्यालयसे बी० ए० कर लें। तब विश्वविद्यालय चुननेका प्रश्न सामने आता है। एक ओर कैम्ब्रिज और आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय हैं, दूसरी ओर लन्दन विश्वविद्यालय । जहाँतक यथेष्ट ज्ञानप्राप्तिका सवाल है निःसन्देह लन्दन विश्वविद्यालय सर्वश्रेष्ठ है किन्तु यदि विश्वविद्यालयमें प्रवेश लेनेके पीछे उद्देश्य आनन्द और मजा लूटना है, तो सचमुच लन्दन विश्वविद्यालय बहुत पीछे छूट जायेगा। आक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय बाजी जीत जायेंगे। जिसे विश्वविद्यालयके जीवनका आनन्द माना जाता है, वैसा लन्दनमें कुछ नहीं मिलता जब कि आक्सफोर्ड और कैम्ब्रिजमें वह भरपूर है। लन्दन विश्वविद्यालय तो मात्र परीक्षा लेनेवाली संस्था है और उसके छात्रोंका किन्हीं सत्रोंको पूरा करना भी आवश्यक नहीं है। इसमें कोई सन्देह नहीं कि आक्सफोर्ड या कैम्ब्रिजमें शिक्षकोंसे मेल-जोल बढ़ानेका जो अवसर मिलता है, वह लन्दनमें नहीं मिलता।
कहा जाता है कि आक्सफोर्ड और कैम्ब्रिजकी शिक्षा बहुत महँगी है। बी० ए० पास करके बैरिस्टर बनने में कमसे-कम १५,००० रुपये लग जायेंगे। हालाँकि मुझे इन दोनोंका व्यक्तिगत अनुभव नहीं है, फिर भी मैं कह सकता हूँ कि दोनोंमें से किसी एकमें शिक्षा प्राप्त करना बैरिस्टरीकी शिक्षासे महँगा नहीं हो सकता। हाँ, शुल्क और पुस्तकोंपर होनेवाले खर्चको छोड़ दें। यदि इतनी मितव्ययितासे रहना हो तो बिना किसी कालेजमें भर्ती हुए पढ़ना पड़ेगा। फिर भी लन्दन विश्वविद्यालयके विषयमें ऐसी कोई बात नहीं कही जा सकती। तो उस दृष्टिसे लन्दन विश्वविद्यालय- से बी० ए० पास करना ज्यादा अच्छा रहेगा। लन्दन विश्वविद्यालयका सबसे बड़ा लाभ यही है कि उसकी परीक्षाएँ भारतमें भी होती हैं। शाकाहारियोंको लन्दन विश्वविद्यालय ज्यादा अच्छा लगेगा, क्योंकि जितनी सुविधाएँ उन्हें लन्दनमें प्राप्त हो सकती हैं उतनी और कहीं नहीं।