पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 1.pdf/१६३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१२१
लन्दन-संदर्शिका

खर्च बताया जाता है। यहाँ उनपर विचार करें, तो बहुत-कुछ लिखना पड़ेगा। मैं यहीं कह सकता हूँ कि उन पुस्तकोंको इसके साथ-साथ पढ़कर तुलना कर ली जाये। फिर भी वहाँ एक संस्था भारतीयोंके लिए बहुत अच्छा काम कर रही है और यहाँ उसका उल्लेख कर देना चाहिए। इस संस्थाका नाम है भारतीय राष्ट्रीय संघ[१]। जबतक इस संघको ३५, ब्लूमफील्ड रोड, मेडन हिलकी कु° ई° ए° मैनिंग जैसी नेक और दानी महिलाकी सक्रिय सेवाएँ प्राप्त हैं, तबतक वह हमेशा अच्छा काम करता रहेगा। कु° मैनिंग हर भारतीयकी सहायता करने और सलाह देनेके लिए सदैव तत्पर रहती हैं और हरएकको उनकी सलाह लेनी ही चाहिए। फिर भी मुझे लगता है कि संघ द्वारा दी गई सूचनाएँ पक्की नहीं हैं। उसके द्वारा प्रस्तुत अनुमान बहुत खर्चीले होते हैं। मैंने कुछ ऐसे व्यक्तियोंसे बात की है जिन्हें संघके संरक्षणमें रखा गया था और उन लोगोंने मुझे बताया है कि उन्हें बहुत ज्यादा खर्चका अनुमान बताया गया था। संघके मुखपत्र 'इंडिया मैगजीन ऐंड रिव्यू' में अनुमान इस प्रकार है :

स्कूलकी साधारण शिक्षाके लिए विद्यार्थीकी आयु और स्कूलकी प्रतिष्ठाके अनुसार प्रति वर्ष १५० पौंडसे २०० पौंडतक।
विश्वविद्यालयके विद्यार्थीके लिए प्रति वर्ष ३०० पौंड
भारतीय प्रशासनीय सेवाओंके विद्यार्थीके लिए {{{1}}} {{{1}}} ३०० पौंड
इंजीनियरिंग के विद्यार्थीके लिए {{{1}}} {{{1}}} ३०० पौंड
अदालतसे सम्बद्ध विभिन्न संस्थाओंके विद्यार्थीके लिए {{{1}}} {{{1}}} २५० पौंड
चिकित्सा शास्त्र के विद्यार्थीके लिए {{{1}}} {{{1}}} २५० पौंड
कृषि शिक्षाके लिए {{{1}}} {{{1}}} २५० पौंड
इस रकम फीस, रहने आदिका खर्च, पोशाक, छुट्टियोंका खर्च और संरक्षणका खर्च शामिल है। अदालतसे सम्बद्ध किसी एक संस्थामें प्रवेशके लिए दी जानेवाली लगभग १५० पौंडकी फीस उपर्युक्त खर्च में शामिल नहीं है। वहाँ पहुँचनेपर पोशाक आदि बनवानेके लिए भी ३० पौंडकी जरूरत पड़ती है।

सो ऊपर दिये गये हिसाब से प्रतिवर्ष २५० पौंड खर्च होंगे अर्थात् तीन सालमें ७५० पौंड। फीसके १५० पौंड, जिनका इसमें हिसाब नहीं लगाया गया है, भी इसीमें शामिल कर लीजिए, और कपड़ोंके लिए ३० पौंड भी और मुझे लगता है, बम्बईके १८ पौंड और लन्दन आने-जानेका खर्च कोई ६० पौंड भी शामिल कर लीजिए तो हमारे पास १,००८ पौंडका हिसाब हो गया। इन अनुमानोंमें शिक्षकका तथा संरक्षकका जो खर्च शामिल हैं, वह पुस्तिकामें बताये गये अनुमानमें नहीं दिया गया है। जिस विद्यार्थीको कानूनकी अन्तिम परीक्षा पास करनेके लिए शिक्षककी जरूरत हो और वह भटक न जाये, इसका ध्यान रखनेके लिए संरक्षककी जरूरत हो, उसकी स्थिति दयनीय ही होगी। यदि लड़केपर कड़ी निगरानीकी आवश्यकता है तो क्या यह

 
  1. इंडियन नेशनल एसोसिएशन।