पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 1.pdf/१७०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१२८
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

अगस्त २५--उठनेपर पेटमें भारीपन था। दिनमें भी अस्वस्थ-सा रहा । ब्यालूके समय भूख नहीं थी। फिर भी ब्यालू की। कल ब्यालूमें अवपके मटर खाये थे। हो सकता है भारीपन इसी कारण रहा हो। दुपहरके बाद सिरमें दर्द रहा । व्यालूके बाद थोड़ी-सी कुनैन ली। नाश्ता कलके ही समान ।

अगस्त २६--पेटमें भारीपनके साथ जागा। नाश्ते में मैंने आधा भोजनका चम्मच-भर मटर, आधा चम्मच चावल, आधा चम्मच गेहूँ, ढाई चम्मच किशमिश,१० अखरोट और एक संतरा लिया। सारे दिन मुँहका स्वाद अच्छा नहीं रहा । स्वस्थ भी नहीं रहा । साधारण ब्यालू की। ७ बजे शामको एक संतरा और एक प्याला कोको ली। इस समय (८ बजे रातको) भूख मालूम हो रही है, फिर भी खानेकी इच्छा नहीं है। प्राणयुक्त आहार भली-भाँति अनुकूल पड़ता नहीं दिखता।

अगस्त २७--सुबह जब उठा तो भूख बहुत थी, मगर स्वस्थ नहीं महसूस किया। नाश्ते में भोजनके चम्मचसे डेढ़ चम्मच गेहूँ, दो चम्मच किशमिश, दस अखरोट और एक संतरा लिया। (ध्यान रहे, चावल और मटर नहीं लिया)। दुपहरके बाद अच्छा लगा। कलके भारीपनका कारण शायद मटर और चावल था। १ बजे दुपहरको एक चायका चम्मच सूखे गेहूँ, एक भोजनका चम्मच किशमिश और १४ कवची मेवे लिये। (इस तरह साधारण ब्यालको प्राणयुक्त आहारमें बदल दिया)। कुमारी हैरिसके घर चाय (रोटी, मक्खन, मुरब्बा और कोको) पी। यह चाय मुझे बहुत अच्छी लगी, मानो मैं एक लम्बे उपवासके बाद रोटी और मक्खन खा रहा था। चायके बाद बहुत भूख और कमजोरी मालूम हुई। इसलिए घर लौटनेपर एक प्याला कोको और एक संतरा लिया।

अगस्त २८-- -सुबह मुंहका स्वाद अच्छा नहीं था। भोजनके डेढ़ चम्मच गेहूँ, दो चम्मच किशमिश, बीस कवची मेवे, एक संतरा और एक प्याला कोको ली। कमजोरी और भूख तो महसूस होती रही, मगर इसके अलावा अच्छा लगता रहा। मुंहका स्वाद भी ठीक था।

अगस्त २९-- सुबह उठनेपर ताजगी थी। नाश्ते में भोजनके डेढ़ चम्मच गेहूँ,दो चम्मच किशमिश, एक संतरा और बीस कवची मेवे लिये। ब्यालूमें भोजनके तीन चम्मच गेहूँ, दो चम्मच किशमिश, २० कवची मेवे और दो संतरे लिये। शामको तैयबके यहाँ चावल, सेवई और आलू खाये थे। शामको कमजोरी मालूम हुई ।

अगस्त ३०--नाश्ते में भोजनके दो चम्मच गेहूँ, दो चम्मच किशमिश, २० अखरोट और एक संतरा लिया । ब्यालूमें भी यही चीजें लीं, सिर्फ एक संतरा ज्यादा था। बहुत कमजोरी महसूस हुई। बिना थके साधारण सैर नहीं कर सका।

अगस्त ३१ --सुबह जब उठा तो मुंहका स्वाद बहुत मीठा था। बहुत कम-जोरी मालूम होती थी। नाश्ते और ब्यालूमें भोजनकी वही मात्रा ली। शामको एक प्याला कोको और एक संतरा लिया था। सारे दिन बहुत कमजोरी महसूस होती रही। बहुत कठिनाईसे सैर कर सकता हूँ। दाँत भी कमजोर हो रहे हैं। मुंहका स्वाद बहुत ज्यादा मीठा है।