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नेटाल भारतीय कांग्रेसका संविधान


(४) अवैतनिक मन्त्री उपनिवेशके दूसरे मागके सदस्योंको आमंत्रित करेंगे।

(५) कमेटीको नियम बनाने और पास करनेका अधिकार होगा। उसे अन्य साधारण काम-काज करनेके दूसरे सब अधिकार भी होंगे।

(६) कमेटीको उचित वेतनपर एक वैतनिक मन्त्री नियुक्त करनेका अधिकार होगा।

(७) अगर अवैतनिक मन्त्री उचित समझें तो वे कांग्रेसके हित में दिलचस्पी रखनेवाले किसी यूरोपीयको उपाध्यक्ष बनने के लिए आमंत्रित करेंगे।

(८) अगर अवैतनिक मन्त्री उचित समझें तो वे कांग्रेसके कोषसे कांग्रेसके पुस्तकालय के लिए अखबार मँगा सकते हैं।

(९) अवैतनिक मन्त्री हिसाबकी किताबमें यह दर्ज करेंगे कि कोई चेक उन्होंने अपने दस्तखतोंसे दी है या किसी दूसरेके साथ संयुक्त हस्ताक्षरोंसे।

कमेटी द्वारा स्वीकृत नियम

(१) अध्यक्ष प्रत्येक बैठकका सभापति होगा। उसकी अनुपस्थितिमें कमेटीका प्रथम सदस्य और यदि वह भी अनुपस्थित हो तो दूसरा सदस्य सभापति होगा। इसी क्रमसे सभापतित्व किया जायेगा।

(२) बैठकके आरंभ में अवैतनिक मन्त्री पिछली बैठककी कार्रवाई पढ़ेगा और इसके बाद सभापति उसपर हस्ताक्षर करेगा।

(३) यदि मन्त्रीको कोई प्रस्ताव पेश करने की सूचना पहलेसे न दी जाये तो कमेटीको उसे अमान्य करनेका अधिकार होगा।

(४) कमेटी या कांग्रेस जो द्रव्य पाये या खर्च करे उसका विस्तृत ब्योरा अवैतनिक मन्त्री पढ़कर सुनायेगा।

(५) अगर कोई प्रस्ताव कमेटीके किसी सदस्य द्वारा पेश न किया जाये और कोई दूसरा सदस्य उसका समर्थन न करे तो कमेटीको उसपर विचार न करनेका अधिकार होगा।

(६) सभापति और मन्त्री पदेन कमेटी के सदस्य माने जायेंगे। दोनों पक्षोंमें बराबर मत होनेपर सभापतिको निर्णायक मत देनेका अधिकार होगा।

(७) बैठकमें भाषण करते समय प्रत्येक सदस्य सभापतिकी ओर अभिमुख रहेगा।

(८) प्रत्येक सदस्य कमेटीकी बैठकमें किसी दूसरे सदस्यको संबोधित करनेमें 'श्री' शब्दका उपयोग करेगा।

(९) कमेटीकी बैठककी कार्रवाई इन भाषाओं में से किसी एक या सबमें की जायेगी — गुजराती, तमिल, हिन्दुस्तानी और अंग्रेजी।

(१०) अगर जरूरत समझी जाये तो सभापति किसी एक सदस्यको दूसरे सदस्यके भाषणका अनुवाद कर देनेका आदेश देगा।

(११) प्रत्येक प्रस्ताव या सुझाव बहुमतसे स्वीकार किया जायेगा।