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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


शिष्ट, बुद्धिमान और ज्ञान तथा सुधारके लिए अत्यन्त उत्सुक। . . . वे संयमी हैं, उद्योगी हैं, अपने माता-पिताके प्रति कर्त्तव्यनिष्ठ और अपने बच्चोंके प्रति स्नेहशील हैं। स्वभावमें वे लगभग समान रूपसे सज्जन और धैर्यवान हैं। उनके प्रति यदि कोई कृपा दिखाता है और उनकी जरूरतों या भावनाओंका खयाल करता दीखता है तो वे, जिन दूसरे लोगोंसे भी मैं मिला हूँ, लगभग उन सभीकी अपेक्षा ज्यादा आसानीसे प्रभावित हो जाते हैं।

सर टामस मनरोका जो कभी मद्रासके गवर्नर रहे हैं, कथन है :

मैं नहीं जानता कि भारतके लोगोंको सभ्य बनानेका अर्थ क्या है। अच्छे शासन के सिद्धान्तों और व्यवहारमें सम्भव है वे कम उतरें, परन्तु यदि एक अच्छी कृषि प्रणाली, उत्तम माल तैयार करना, सुविधा और विलासकी सामग्री उत्पन्न करनेकी शक्ति, लिखने-पढ़नेके लिए पाठशालाओंकी स्थापना, दयालुता तथा आतिथ्यके सामान्य व्यवहार और सबसे ऊपर, स्त्रियोंके प्रति विवेकपूर्ण सम्मान और कोमलताकी गिनती उन बातों में है, जिनसे लोगोंकी सभ्यता जानी जाती है, तो हिन्दू लोग सभ्यतामें यूरोपके लोगोंसे पीछे नहीं हैं।

भारतीयोंके साधारण चारित्र्यपर सर जॉर्ज बर्डवुडने निम्नलिखित मत व्यक्त किया है:

वे लम्बे समयतक कष्ट सहनेवाले और धैर्यवान, मजबूत और डटे रहनेवाले, कममें गुजारा करनेवाले और उद्योगी, कानूनका पालन करनेवाले और शान्तिप्रिय हैं। . . . शिक्षित और उच्चतर व्यापारी वर्गके लोग ईमानदार और सच्चे हैं। जितने निरपेक्ष अर्थमें मैं शब्दोंका उपयोग कर सकता हूँ उतने अर्थमें वे ब्रिटिश सरकारके प्रति वफादार और आस्था रखनेवाले हैं। और इन शब्दोंको आप समझते हैं। नैतिक सत्यनिष्ठा बम्बईके (ऊँचे) सेठिया वर्गका उतना ही बड़ा गुण है, जितना कि स्वयं ट्यूटॉनिक[१] जातिका। संक्षेपमें, भारतके लोग किसी सच्चे अर्थ में हमसे कम नहीं हैं। कुछ झूठे — हमारे लिए ही झूठे — मापदण्डोंसे, जिनपर विश्वास करनेका हम ढोंग करते हैं, नापने पर वे हमसे ऊँचे हैं।

सर सी° ट्रेवेलियनका कथन है:

वे बहुत बड़ी शासनिक योग्यता, महान धैर्य, महान उद्योगशीलता और महान कुशाग्रता तथा बुद्धिके धनी हैं।

कौटुम्बिक सम्बन्धोंके बारेमें सर डब्ल्यू° डब्ल्यू° हंटर यह कहते हैं:

अंग्रेजों और हिन्दुओंके मनमें कौटुम्बिक हितों और कौटुम्बिक प्रेमका जो स्थान है उसकी दृष्टिसे उन दोनोंके बीच कोई तुलना हो ही नहीं सकती।
 
  1. १. जर्मन, स्कैंडिनेवियन और ऐंग्लो-सेक्सन।